छत्तीसगढ़

फ्लाई ऐश से बिलासपुर में एनटीपीसी बना रहा गमला, टाइल्स और ईंटें… पर्यावरण संकट होगा कम...

कांकेर

एनटीपीसी सीपत ने फ्लाई ऐश (राखड़) के शत-प्रतिशत उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण नवाचार किया है। यह कदम पर्यावरणीय दृष्टिकोण से काफी सराहनीय है, क्योंकि इस प्रक्रिया के माध्यम से अब राखड़ का उपयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं रहेगा, बल्कि इसे विभिन्न उपयोगी सामग्रियों के निर्माण में किया जा रहा है।

पर्यावरण में फैल रही थी राखड़

एनटीपीसी सीपत की विशेष पहल के तहत राखड़ उत्पाद से कम लागत वाले ग्रीन हाउस सुख का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी लागत 1.5 लाख रुपये है। इसके अलावा एनटीपीसी सीपत से बिश्रामपुर, दुग्गा और मानिकपुर की बंद खदानों में भराव के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया है।

पर्यावरण संरक्षण के एनटीपीसी सीपत प्रतिबद्ध है। इसके तहत अब तक 12.5 लाख से अधिक पौधारोपण किया जा चुका है। इसमें से मियावाकी विधि से लगभग 94 हजार पौधारोपण किया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में एनटीपीसी सीपत के द्वारा 55 हजार से अधिक पौधारोपण किया जा चुका है।

NTPC की बिजली से जगमगाता है हर चौथा बल्ब

कार्यकारी निदेशक पांडेय का कहना है कि एनटीपीसी लिमिटेड देश की अग्रणी विद्युत उत्पादक कंपनी है। इसकी नींव सात नवंबर 1975 को रखी गई। आज यह कंपनी अपनी स्थापना के 50वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। अब यह देश की प्रमुख बिजली उत्पादन कंपनियों में शामिल है।

कार्यकारी निदेशक पांडेय का कहना है कि एनटीपीसी लिमिटेड देश की अग्रणी विद्युत उत्पादक कंपनी है। इसकी नींव सात नवंबर 1975 को रखी गई। आज यह कंपनी अपनी स्थापना के 50वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। अब यह देश की प्रमुख बिजली उत्पादन कंपनियों में शामिल है।




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Kiran Komra

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