छत्तीसगढ़ का तुलसी गांव अब "यूटीबर्स का गांव" के नाम से जाना जाता है............

यहाँ कला और यूट्यूब का एक अनूठा संगम है, जहाँ हर उम्र के लोग वीडियो बनाकर अपनी प्रतिभा को दिखा रहे हैं और प्रसिद्ध हो रहे हैं।

क्यों कहा जाता है "यूट्यूबर्स का गांव?

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित तुलसी गांव में, कला पहले से ही प्रसिद्ध थी, लेकिन अब यहाँ के लोग यूट्यूब पर वीडियो बनाकर देशभर में पहचान बना रहे हैं. इस गांव में हर उम्र के लोग यूट्यूब पर वीडियो बनाते हैं और अपना करियर बना रहे हैं, यहाँ तक कि 5 साल से लेकर 85 साल तक के लोग भी यूट्यूब पर सक्रिय हैं. 4000 की आबादी वाले इस गांव में 1100 से अधिक लोग यूट्यूबर हैं गांव में अब एक आधुनिक स्टूडियो की स्थापना की गई है जो यूट्यूबर और क्रिएटर्स के लिए एक बेहतर सुविधा प्रदान करता है.

क्या है खास

गांव में कला और यूट्यूब का मिश्रण है, जहाँ हर घर में कलाकार है. यहां यूट्यूब के माध्यम से लोग न केवल मनोरंजन करते हैं, बल्कि पैसे भी कमाते हैं. इस गांव को "यूट्यूबर्स का गांव" के रूप में पहचान मिल रही है, और यहाँ के यूट्यूबर अब जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश में भी प्रसिद्ध हो रहे हैं.

रामकृष्ण डोंगरे, रायपुर

यूट्यूब जैसी ही चमत्कृत करने वाली कहानी है तुलसी नेवरा की। रायपुर से 45 किमी दूर स्थित इस गांव को ‘भारत का यूट्यूबर गांव’ कहा जा रहा है। कुछ साल पहले तक इसकी पहचान एक औद्योगिक क्षेत्र की थी। यहां अदाणी का पावर प्लांट, सीमेंट प्लांट, प्लास्टिक फैक्ट्री और राइस मिल है। गांव में ही कॉलेज और आईटीआई भी है।

जय और ज्ञानेंद्र : जोड़ी ऐसे लेकर आई गांव में 'यूट्यूब क्रांति'

जब गांव में जय और ज्ञानेंद्र के यूट्यूब चैनल की चर्चा होने लगीं तो अन्य युवाओं ने भी चैनल बनाने की इच्छा जाहिर की। अपने कई यूट्यूब चैनल बंद होने से सीख चुके इन युवाओं ने सभी का मार्गदर्शन किया। उन्होंने छोटी-छोटी तकनीकी बातों से रूबरू कराया।जय बताते हैं कि हमारे गांव में कई पीढ़ियों से ग्रामीण रामलीला का मंचन करते आ रहे थे। युवाओं से एक्टिंग करवाना आसान था, लेकिन हमने 50 पार के ग्रामीणों को भी प्रेरित किया। रामलीला में राम का किरदार निभाने वाले 53 वर्षीय राघव वैष्णव ने बताया कि मेरे पिता भी रामलीला में काम करते थे।जब मुझसे वीडियो में अभिनय करने के लिए कहा गया, तो शुरुआत में थोड़ी दिक्कत हुई। क्योंकि मुझसे कहा था कि आपको रामलीला की तरह रटे-रटाए संवाद नहीं बोलना है। चूंकि वीडियो में कई रीटेक ले सकते थे। इसलिए मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। मेरी उम्र के प्यारेलाल वर्मा, सुशील शर्मा आदि ने भी कई कामेडी वीडियो में काम किया है। तुलसी गांव में पंजीकृत मतदाता तो चार हजार है। औद्योगिक क्षेत्र होने से यूपी, बिहार जैसे कई राज्यों के लोग भी यहां रहते हैं।जब वर्ष 2022 में इस गांव की देशभर में चर्चा होने लगी तो गांव के तत्कालीन सरपंच गुलाब सिंह यदु को दिल्ली के एक राष्ट्रीय चैनल ने बुलाकर सम्मानित किया। यूट्यूब इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर इशान चटर्जी ने युवा ज्ञानेंद्र शुक्ला और जय वर्मा को गूगल आफिस दिल्ली के सम्मेलन में बुलाया, जहां गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भी आए थे।




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Gaurav Tandiya

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