
चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान महावीर का जन्म हुआ था. यह दिन जैन धर्म में महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है. भगवान महावीर ने अपने जीवन के पहले 30 साल राजसी जीवन में बिताए, लेकिन इसके बाद उन्होंने सब कुछ त्याग कर 12 साल तक जंगलों में तपस्या की. इस लंबी साधना के बाद उन्हें कैवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ था.
भगवान महावीर का जन्म बिहार के वैशाली के पास कुंडग्राम स्थान पर हुआ था. उनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ था. जब महावीर जी का जन्म हुआ था, तब राजा के घर में सुख-समृद्धि बढ़ गई थी.
भगवान महावीर ज्ञान की तलाश में कई जगह भटके. लेकिन अंत में उन्हें इसकी प्राप्ति जम्बक में एक वृक्ष के नीचे प्राप्त हुई, जिसके उपयोग उन्होंने लोगों की भलाई व समाज कल्याण के लिए किया.
भगवान महावीर ने लोगों को बताया कि हमें वैसा ही व्यवहार दूसरों के साथ करना चाहिए, जैसा हम अपने लिए चाहते हैं. यही उनका प्रसिद्ध सिद्धांत है- जियो और जीने दो.उन्होंने लोगों को मुक्ति पाने का रास्ता बताया और इसके लिए पांच मूल सिद्धांत दिए हैं- सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ईमानदारी और ब्रह्मचर्य. इन सिद्धांतों को अपनाने वाले को ही जिन कहा गया.