
धमतरी जिले में बढ़ती गर्मी के साथ पेयजल संकट गहरा गया है। 155 गांवों में पानी की भारी कमी है। पीएचई विभाग प्रभावित क्षेत्रों में जलापूर्ति का दावा कर रहा है, लेकिन ग्रामीणों को पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।
कलेक्टर कार्यालय में रोजाना ग्रामीण पानी की समस्या को लेकर शिकायत करने पहुंच रहे हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले के 155 गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या देखने को मिल रही है। हालांकि, विभाग का दावा है कि प्रभावित गांवों में पेयजल की व्यवस्था की जा रही है।
धमतरी जिले को 2013 में पेयजल के मामले में सेमी-क्रिटिकल क्षेत्र घोषित किया गया था। हर साल यहां कई गांवों में पानी की विकट समस्या उत्पन्न होती है, जिसके चलते लोगों को पानी की एक-एक बूंद के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है।
सामान्य तौर पर मई और जून में पेयजल संकट चरम पर होता था, लेकिन इस बार अप्रैल में ही पानी की समस्या शुरू हो गई है, जो चिंता का विषय है। विभाग को आशंका है कि कहीं धमतरी जिला क्रिटिकल जोन में न पहुंच जाए। विभाग ने बताया कि जिन क्षेत्रों में कृषि कार्यों के लिए भारी मात्रा में पानी का दोहन हो रहा है, वहां स्थिति और भी खराब है।
पीएचई विभाग ने लोगों से पानी का अत्यधिक दोहन न करने की अपील की है, ताकि भविष्य में स्थिति और गंभीर न हो। साथ ही, विभाग प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक जलापूर्ति के उपाय करने में जुटा है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।