
हरा सोना कहे जाने वाले तेंदुपत्ता की तुड़ाई खत्म हो चुकी है। वर्तमान में बोरा भराई व परिवहन जारी है। बेमौसम बारिश के चलते पत्ता की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इसी बीच ढुटा समिति अंतर्गत तीन फड़ों में आग लग गई। गट्टाकाल (अ), गट्टाकाल (ब) और गोमे (अ) फड़ में भर्ती कर रखे बोरों में अचानक आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ है।
दूरस्थ अबुझमाड़ से लगे अतिसंवेदनशील गांव होने की वजह से नक्सल घटना का भी अंदेशा लगाया जा रहा है। परंतु घटना स्थल पर किसी भी प्रकार का कोई पर्चा नहीं मिलने से शरारती तत्वों द्वारा घटना कारित करना हो सकता है। फिलहाल तीनों ही फड़ के लोग कोयलीबेड़ा थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराए हैं। पुलिस हर बिंदु को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही जिससे की असलियत सामने आ सके।
गट्टाकाल (अ) फड़ में कुल खरीदी 181.840 गड्डी में से कुल भर्ती 92.750 गड्डी, 170 वास्तविक बोरा जिसमें से 90 वास्तविक बोरा परिवहन किया जा चुका था। शेष 80 वास्तविक बोरा 45.200 गड्डी भरे आग में जलकर खाक हो गए। शेष 89.090 गड्डी भर्ती के लिए अभी भी शेष है। गट्टाकाल (ब) फड़ में कुल खरीदी 161.160 गड्डी में से 88.900 गड्डी यानी 163 वास्तविक बोरा भर्ती किया गया था जो आग लगा।
वहीं गोमे (अ) फड़ में 70.840 गड्डी यानी 108 वास्तविक बोरा भर्ती कर परिवहन हेतु रखा गया था जिसमे आग लगी है। कुल जले हुए वास्तविक बोरों की संख्या 351 है जिसकी राशि 19,30,500 उन्नीस लाख तीस हजार पांच रुपए है।