
रेगिस्तान में मीलों तक रेत ही रेत है. अगर कोई रेत में फंस गया तो प्यास के तड़पकर उसकी मौत निश्चित है, क्योंकि रेगिस्तान के रेत में सैकड़ों किलोमीटर तक पानी की एक बूंद भी मयस्सर हैं.
कभी-कभी रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंट भी रेगिस्तान की रेतीली जमीन पर फंस जाते हैं. पानी के कमी के कारण उनमें उठने की भी ताकत नहीं बची थी.
रेगिस्तान में ऊंट प्यास से बेहाल था. वो एक कोने में अपने सिर को झुकाए निढाल प्यास से तड़प रहा था. इसी दौरान वहां से एक ट्रक सवार गुजर रहा था, उसने ऊंट से प्यास से बेहाल देखा. ट्रक ड्राइवर ने अपनी गाड़ी रोक दी. वो ऊंट के पास पहुंचा.
ट्रक ड्राइवर ने अपनी ट्रक से बोतल में पानी निकालकर ऊंट को पानी पिलाया. लोगों ने ट्रक ड्राइलर की दरियादिली की खूब सराहना की है.