
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के अभनपुर क्षेत्र में अंधविश्वास के नाम पर हुई एक अमानवीय घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। ग्राम खट्टी में 13 मार्च 2025 की रात ‘जादू-टोना’ के झूठे आरोप में तीन लोगों के साथ बर्बरता, लूटपाट और शारीरिक अत्याचार की घटना सामने आई। हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले में एफआईआर तीन महीने बाद कोर्ट के हस्तक्षेप से दर्ज की गई।
आरोपियों ने तीनों को अर्धनग्न कर, जूते-चप्पलों की माला पहनाई, मुंह पर कालिख पोती, और गांव में घुमाया। उन्हें पूरी रात गांव के चौराहे पर नंगा बैठाकर पीटा गया। जब वे बेहोश होते तो पानी डालकर फिर मिर्च रगड़ी जाती थी।
सुबह जब नरेश साहू के परिजन उन्हें लेने पहुंचे तो उन्हें भी पीटा गया। वहीं, एक आरोपित ने पीड़ितों की तस्वीरें खींचकर वाट्सएप ग्रुप में वायरल कर दीं।
घटना की सूचना सुबह 10 बजे 112 हेल्पलाइन पर मिली, लेकिन पुलिस भीड़ से घबरा गई और पीड़ितों को बेलर गांव में छोड़कर चली गई।
पीड़ितों ने 16 मार्च को रिपोर्ट लिखवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। आखिर में न्यायालय में परिवाद दाखिल करने के बाद 9 जून को एफआईआर दर्ज की गई।