
कोंडागांव जिले में विकास कार्यों की गुणवत्ता एक बार फिर सवालों के घेरे में है। नगर के प्रतिष्ठित राम मंदिर तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य 2 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, लेकिन समयसीमा पूरी हो जाने के बावजूद कार्य अधूरा है। निर्माण की धीमी गति, मानकों की अनदेखी और इंजीनियरिंग स्तर की लापरवाही अब खुलकर सामने आ गई है।
आज तालाब का वह किनारा अचानक ढह गया, जो NH-30 से सटा हुआ है। हादसे में सड़क किनारे लगी सुरक्षा रेलिंग और स्ट्रीट लाइट के खंभे भी गिर पड़े हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सौंदर्यीकरण के नाम पर खानापूर्ति और कमीशनखोरी हुई है। निर्माण कार्य के दौरान मिट्टी की भराई और रिटेनिंग वॉल जैसे बुनियादी पहलुओं को गंभीरता से नहीं लिया गया।
इस गिरावट से हाई टेंशन ट्रांसफर लाइन के खंभे पर भी खतरा मंडरा रहा है। यदि वह खंभा गिरा तो बड़ा हादसा हो सकता है। इस बीच जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य में जुटी हुई है। स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया है कि जब कार्य अधूरा था, तो तकनीकी स्वीकृति और भुगतान कैसे हो गया? यह पूरा मामला लापरवाही और जवाबदेही के अभाव का उदाहरण बनता जा रहा है। अब देखना यह है कि जिम्मेदार अफसरों और ठेकेदारों पर कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी फाइलों में दफ्न हो जाएगा।