
कोण्डागांव जिले के कुछ सहकारी समितियां के माध्यम से अमानक खाद किसानों को वितरण किए जाने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक डबल लॉक और सहकारी समितियों (लेम्प्स) के माध्यम से किसानों को वितरण के लिए शासन द्वारा मंगवाए गए उर्वरकों में से कुछ उर्वरक प्रयोगशाला की जांच में अमानक पाए गए हैं। जो विभाग और किसान दोनों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, सिंगल सुपर फास्फेट, अमोनियम सल्फेट, इफ्को आदि उर्वरकों के सेंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें से गणपति ब्रांड का जिंकेटेड सिंगल सुपर फास्फेट जांच में अमानक पाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि, जब तक यह रिपोर्ट विभाग के पास पहुंची, तब तक अधिकांश किसानों को यह उर्वरक वितरित किया जा चुका था और कई किसानों ने इसका उपयोग भी अपने खेतों में कर लिया है।
जिला विपणन कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, खरीफ वर्ष 2025 में जिले में सुपर फास्फेट जिंकेटेड का लक्ष्य 5350 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया था। इसके विरुद्ध 1138 मीट्रिक टन का भंडारण किया गया है, जिसमें से 2 जुलाई तक 747 मीट्रिक टन का वितरण किया जा चुका है। 391 मीट्रिक टन उर्वरक अभी शेष है। यह पूरा मामला न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, बल्कि किसानों की फसल और भूमि की गुणवत्ता को लेकर भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
अब देखना यह होगा कि दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और किसानों को क्या राहत दी जाती है। क्योंकि यही वह जिम्मेदार अधिकारी हैं जो निजी खाद बीज की दुकानों पर छापेमार की कार्रवाई कर रहे हैं। और यदि उनके जांच के बगैर ही किसानों को बड़ी मात्रा में खाद का वितरण किया गया है तो यह कितना गंभीर मामला होगा खैर यह जांच का विषय है।
विभाग द्वारा अलग-अलग स्थानों से भेजे गए उर्वरकों में से दो सेंपल अमानक पाए गए हैं। अमानक पाए गए उर्वरकों के सेंपल लेम्प्स बवई और डबल लॉक गोदाम बीजापुर से लिए गए थे।