छत्तीसगढ़

सिस्टोकेम लेबोरेटरी कंपनी को नोटिस, CGMSC ने फेनीटोन की सप्लाई पर लगाई रोक...

कांकेर

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (CGMSC) ने मिर्गी व हेड इंजुरी में झटके रोकने वाले इंजेक्शन फेनीटोन (Phenytoin) सोडियम इंजेक्शन की सप्लाई पर रोक लगा दी है. साथ ही दिल्ली स्थित इंजेक्शन सप्लायर कंपनी ‘सिस्टोकेम लेबोरेटरी’ को नोटिस भी थमा दिया है और कंपनी में बने अन्य बैच के स्टैंडर्ड इंजेक्शन की सप्लाई अस्पतालों में रोक दी गई है. कंपनी को नई बैच का इंजेक्शन भेजने को कहा गया है. इसके अलावा नहीं दोनों बैचों को पूर्व में परीक्षण करने वाली लैब से अलग अन्य अनुबंधित एनएबीएल प्रमाणित लैब में फिर से क्वॉलिटी परीक्षण के लिए भेजा गया है. यह कदम ऐहतियातन उठाया गया है.

समाचार पत्रों में मिर्गी और हेड इंजुरी में झटके रोकने वाला इंजेक्शन फेनीटोन सोडियम के सब स्टैंडर्ड होने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद दवा कॉर्पोरेशन को कंपनी से जवाब तलब किया है. नोटिस में पूछा गया है कि आखिर सब स्टैंडर्ड इंजेक्शन की सप्लाई क्यों की गई? क्यों न इसके लिए कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

जो इंजेक्शन सब स्टैंडर्ड निकला है, उसका ड्रग कोड डी 409 है. यह 1 मार्च 2025 में बना है, और 28 फरवरी 2027 में एक्सपायर होगा. इसका बैच नंबर सीपीवाय 2503 है. दवा कंपनी ने इस इंजेक्शन को पावडर के बजाय लिक्विड फार्म में बना दिया है.

यह इंडियन फार्माकोपिया (आईपी) के अनुसार मान्य नहीं है. बैच नंबर सीपीवाय 2502 जांच में मानक गुणवत्ता वाली पाई गई. दवा कॉर्पोरेशन द्वारा सप्लाई इंजेक्शन व दवा लगातार घटिया ‘निकल रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार लाइफ सेविंग इंजेक्शन के घटिया निकलने से मरीजों की जान पर खतरा बढ़ जाता है.

सीजीएमएससी MD पद्मिमनी भोई साहू ने कहा कि सीजीएमएससी क्वॉलिटी बेस्ड दवाओं के वितरण पर विश्वास करता है. दिल्ली की कंपनी को सख्त चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया गया है. 2 अन्य लैब में इंजेक्शनों को जांच के लिए भेजा गया है. इसमें भी सब स्टैंडर्ड निकलने पर कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.




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Birma Mandavi

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