

धान बेचने किसानों का पंजीयन पहले राजस्व तथा खाद्य विभाग के माध्यम से होता था। इस वर्ष से किसानों का पंजीयन कृषि विभाग द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किया जा रहा है। 5662 नए किसान इस वर्ष पंजीयन करा चुके हैं। इनमें से 1039 ऐसे भी किसान हैं जो मोटे धान की जगह पतला सुगंधित धान, दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसल लेंगे। इन किसानों को शासन द्वारा प्रति एकड़ 10 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी।
इस वर्ष जून माह से कृषि विभाग ही किसानों का पंजीयन कर रहा है। 31 अक्टूबर तक किसानों का पंजीयन का काम चलेगा। अभी तक 5662 किसानो का पंजीयन हो चुका है। धान के अलावा कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, धान मक्का, सोयाबीन फसल के लिए पंजीयन चल रहा है। सबसे ज्यादा पंजीयन धान फसल के लिए 2221 किसानों ने कराया है। मक्का फसल के लिए 1276, कुटकी के लिए 944, कोदो के लिए 775 जबकि सोयाबीन तथा गन्ना फसल के लिए सिर्फ 6.6 किसानों ने पंजीयन कराया है।
गत वर्ष धान खरीदी के लिए 81 हजार 818 पंजीकृत किसान थे। इनमें गत वर्ष नवीन पंजीयन 10ए023 किसानों का हुआ था। गत वर्ष खाद खाद विभाग के माध्यम से तहसील कार्यालय मेें पटवारियों ने पंजीयन किया था। दोबारा पंजीयन कराने की जरूरत नहीं, ऐसे किसान जिन्होंने गत वर्ष धान पंजीयन कराया था उनको फिर से इस वर्ष पंजीयन कराने की जरूरत नहीं है। पोर्टल में उनका पंजीयन जुड़ जाएगा। जो अब तक पंजीयन नहीं करा पाए हैं उन्हें ही इस वर्ष नवीन पंजीयन कराना है।
जिले के ऐसे किसान जो सत्र 2020-21 तक धान विक्रय करते थे वे यदि धान फसल बोनी को छोड़ दूसरी फसल कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान या अन्य फोर्टिफाईड धान, केला, पपीता लगाते हैं तो तो उनको प्रति एकड़ 10 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि मिलनी है। जिले में इस वर्ष 1039 किसानों ने पंजीयन कराया है तथा इन किसानों का रकबा 862.44 एकड़ है।