

केशकाल विधायक व बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम पिछले विधानसभा सत्र में ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के खाली पड़े तीन पदों पर नियुक्ति नहीं होने को लेकर अधिकारियों की नियत पर सवाल उठाये थे। संतराम नेताम ने आरोप लगाया था कि 2017 में ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के 348 पदों पर विज्ञापन जारी किया गया था। इस विज्ञापन के आधार पर 2017 के अगस्त में परीक्षा हुई और फिर अक्टूबर 2017 में परिणाम जारी किया गया। वहीं इस मामले में मंत्री रविंद्र चौबे ने सदन में घोषणा किया था कि बाकी बचे तीनों पदों पर तीनों आवेदकों की भर्तियां की जाएंगी। विधायक संतराम नेताम की संवेदनशीलता व लगातार किये गए प्रयासों के फलस्वरूप संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग ने दिनांक 6 अक्टूबर 2021 को आदेश जारी करते हुए भर्ती से वंचित हुए तीनो ही युवकों की पदस्थापना का आदेश जारी कर दिया है।
जिसमे दिग्विजय सिंह मरकाम पिता बलदेव सिंह मरकाम को सहायक संचालक उद्यान कोंडागांव के अधीन, दिलीप सिंह पिता अमर सिंह को सहायक संचालक उद्यान रायगढ़ के अधीन एवं रोहित कुमार पिता रमेश प्रसाद को आगामी आदेश पर्यंत तक के लिए सहायक संचालक उद्यान बिलासपुर के अधीन पदस्थ किया गया है। आपको बता दें कि जीएडी की नियमावली को लेकर केशकाल विधायक संतराम नेताम सदन में अपनी ही सरकार के सामने जमकर बरसे थे। उन्होंने कहा था कि जीएडी के इस विज्ञापन के नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन जीएडी ने इस नियुक्ति को लेकर नियम ये रखा गया था कि नियुक्ति की वैधता 1 साल रहेगी।
नियुक्ति प्रक्रिया के तहत पहले 330 पदों पर भर्ती हुई, लेकिन 18 पद खाली रह गये। बाद में अधिकारियों ने मनमर्जी तरीके से विज्ञापन के एक साल बाद के जीएडी के आदेश को दरकिनार कर वेटिंग लिस्ट से रिक्त पदों पर भर्ती का निर्देश जारी किया, इसमें 18 पदों पर भर्तियां होनी थी, लेकिन सिर्फ 12 पदों पर ही आवेदक आये, 6 पद फिर खाली रह गये। विज्ञापन के 1 साल के भीतर नियुक्ति के नियम को दरकिनार कर 2019 में दोबारा से अधिकारियों ने रिक्त 6 पदों पर विज्ञापन जारी किया, जिसमें 3 पदों पर ही भर्तियां हुई। बाकी बचे 3 तीन पदों को लेकर अभ्यर्थी सालों से भटक रहे हैं। लेकिन अभी तक भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी।
संतराम नेताम ने कहा कि मेरिट सूची में बाकी बचे 3 पदों के लिए एक दिव्यांग सहित तीन आवेदक दो साल से विभाग के पास भटक रहे हैं लेकिन नियमावली का हवाला देकर उनके लिए नियुक्तियां नहीं निकाली जा रही है। इस मामले में संतराम नेताम गंभीर आरोप लगाया था कि उद्यानिकी विभाग के डायरेक्टर, मंत्री सहित तमाम लोगों के पास उन्होंने खुद जाकर गुहार लगायी, लेकिन नियुक्ति को लेकर नियमावली का हवाला देकर अधिकारी टाल मटोल अपनाते रहे। नेताम ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने इस मामले में घोर लापरवाही बरती है। अफसरों ने खुद ही पहले दो बार जीएडी के आदेश को दरकिनार कर 1 साल के बाद भी नियुक्तियां जारी की लेकिन अब वो नियम का हवाला दे रहे हैं।
वहीं इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा था कि, जिन तीन अभ्यर्थियों की चिंता माननीय सदस्य ने की है उनकी नियुक्ति को लेकर विभाग से कहेंगे और बाद में हम इस मामले में जीएडी से स्वीकृति लेंगे, तीनों अभ्यर्थियों के साथ न्याय होगा, सरकार का भी सोचना है। बहरहाल विधायक संतराम नेताम की संवेदनशीलता के चलते अपने अधिकारों से वंचित 3 शिक्षित बेरोजगार युवकों को पुनः रोजगार मिल गया है, नवीन पदस्थापना को लेकर युवाओं में खुशी की लहर है साथ ही उन्होंने इस प्रयास के लिए विधायक संतराम नेताम के प्रति आभार व्यक्त किया है।
