

शीतला मंदिर में अष्टमी हवन दोपहर 3ः30 बजे तो सिंहवाहिनी मंदिर में 12ः30 बजे तक हवन हुआ। 13 अक्टूबर को अष्टमी हवन वैदिक मंत्रो के साथ किया गया। अष्टमी हवन के दौरान देवी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रध्दालु पहुंचे। 14 अक्टूबर को ज्योति कलश विसर्जन किया जाएगा। शीतला पारा वार्ड के शीतला मंदिर में अष्टमी हवन अपरान्ह 3ः30 बजे किया गया। शीतला माता के पूजन के बाद पंडित कृष्णा मिश्रा ने हवन कराया। हवन के बाद महाआरती की गई। हवन में शामिल होने बड़ी संख्या में श्रध्दालु महिला पुरूष पहुंचे।
माता शीतला का विशेष श्रृंगार किया गया। बड़े कंकालिन मंदिर में शाम 4 बजे हवन किया गया। पूरा मंदिर परिसर श्रध्दालुओ से भरा हुआ था। कंकालिन माता की पूजा के साथ पंडित विनोद शर्मा ने हवन कराया। पूजा के बाद नौ कन्या भोज हुआ। मंदिर में पूजा, हवन के दौरान पुजारी शत्रुघन नाग, मंदिर समिति संरक्षक डीएन भंडारी, अध्यक्ष अशोक ध्रुव, विजय साहू, विजय नायर, आलोक तिवारी, रामविलाश यादव, राकेश शर्मा, टेमन साहू, अंकालू साहू, सीआर चंदेल, संतोष पटेल शामिल हुए। राजापारा वार्ड स्थित सिंहवाहिनी मंदिर में सुबह 11ः30 से 12ः30 बजे तक हवन हुआ। हवन पंडित चितरंजन तिवारी ने कराया। हवन में हेमंत सिंह राजपूत, सरकार सिंह, निरजंन गोस्वामी, सुरेंद्र पटेल, धमेंद्र चतुर्वेदी शामिल हुए।

कलेक्ट्रेट मार्ग के बड़े शीतला मंदिर में दोपहर डेढ़ से ढ़ाई बजे तक हवन पूजन हुआ। हवन आरती के बाद नौ कन्या भोज हुआ। दूर्गा पंडालों में भी अष्टमी हवन किया गया। ज्योति कलश विसर्जन बाजे गाजे के साथ 14 अक्टूबर को सुबह से शाम तक चलेगा। साथ ही नौ कन्या भोज भी होगा। 15 अक्टूबर को माता दूर्गा का विसर्जन होगा। शासन की गाइडलाइन अनुसार दोपहर 12 से रात 10 बजे तक विसर्जन तालाबों में किया जाएगा।