

आमाबेड़ा इलाके के 90 गांव के करीब 8 हजार ग्रामीण अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए। दिन भर उप तहसील आमाबेड़ा में रैली निकाल प्रदर्शन किए। उनकी प्रमुख मांगों में पेसा कानून लागू करने, इलाके में पुलिस कैंप खोलने पर प्रतिबंध लगाने के अलावा स्थानीय समस्याओं के निदान करना शामिल है। ग्रामीणों ने इसे लेकर प्रशासन को चेतावनी भी दी है। यदि दो माह के अंदर ये सभी समस्याएं दूर व मांग पूरी नहीं हुई तो नाकेबंदी करने के साथ ही 40 कि.मी पैदल कांकेर तक यात्रा कर कलेक्टोरेट का घेराव करेंगे।
इसके लिए हर घर से दो आदमी प्रदर्शन में शामिल होंगे। जिसमें एक पुरूष व एक महिला होंगे। ग्रामीणों द्वारा उक्त मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन किया जा रहा है। लेकिन अब तक उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसी के चलते ग्रामीणों का गुस्स फुटा और वे सर्व समाज के बैनर तले आमाबेड़ा में प्रदर्शन करते एक जुट होकर विशाल रैली निकाली। रैली में 8 हजार जवान शामिल थे। जो सोढ़े यादव भवन में रैली निकाल तहसील कार्यालय पहुंचे। रैली में इलाके जनप्रतिनिधि भी शामिल थे। जिनके द्वारा नायब तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में प्रमुख रूप से आमाबेड़ा को ब्लाक व अंतागढ़ को जिला बनानेए कांकेर आमाबेड़ाअर्रा होते हुए नारायणपुर स्वीकृत मार्ग का निर्माण करनेए इलाके में गुणवत्ताहीन सड़क बनाने वाले इंजिनियर व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करनेए आमबेड़ा में कॉलेज खोलने जैसी मांगों के अलावा पांचवी अनुसूची क्षेत्र में ग्राम सभा प्रस्ताव के बिना खदानए कारखाना एवं पुलिस कैंप नहीं खोलने व बस्तर संभाग में पेशा कानून लागू करने की मांग की गई है। रैली में प्रमुख रूप से अंतागढ़ जनपद उपाध्यक्ष भवन जैनए अध्यक्ष सर्व समाज सहदेव गोठा, ब्लाक अध्यक्ष सरपंच संघ रमेश मण्डावी, गोंड़वाना समन्वय समिति अध्यक्ष सतीश टेकाम, विक्रम भण्डारी, किशोर मरकाम, शशी राना, समनऊ गोटा, देवेंद्र पटेल समेत अन्य लोग शामिल थे।