कांकेर/बस्तर मित्र
त्योहार के पहले ही महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों के घरों का बजट बिगाड़ दिया है। गिरावट के बाद भी साल भर पहले के मुकाबले पेट्रोल और डीजल प्रति लीटर 110 रूपये, खाद्य तेल आज भी दोगुने दाम पर बिक रहे हैं और 5 किलो का ब्रांडेड आटा पैकेट 250 रुपए पैकेट पर बिक रहा है। वहीं, बेसन की बढ़ी कीमतों ने नमकीन का स्वाद बिगाड़ कर रख दिया है। अच्छी किस्म की अरहर दाल 150 रुपए से नीचे नहीं आ पा रही है। महंगाई अपने चरम सीमा की ओर बढ़ रही है। आम आदमी और मध्यमवर्गीय बढ़ती महंगाई से बेहद परेशान हैं। वर्तमान में लोगों की आय घटती जा रही है और महंगाई बढ़ती जा रही है। महंगाई की ओर किसी का नियंत्रण नहीं रह गया है।
खाद्य तेलों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई थी। अलग-अलग ब्रांड के हिसाब से 200 से 230 रुपए लीटर खाद्य तेल पहुंच गए थे। धीरे-धीरे इनके दामों में कमी तो आई लेकिन साल भर पहले के मुकाबले अभी भी खाद्य तेल दोगुने दामों में बिक रहे हैं। वहीं, बेसन के दाम में वृद्धि ने नमकीन का स्वाद बिगाड़ कर रख दिया है। नमकीन के दाम प्रति किलो 100से 120 रुपए तक बढ़ गए हैं। 200 रुपए प्रति किलो में उपलब्ध होने वाला नमकीन अब 240 रुपए से 280 रुपए प्रति किलो में मिल रहा है। विक्रेता बताते हैं कि पहले चना बेसन 60 से 65 रुपए प्रति किलो था, जो वर्तमान में 90 से 110 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। चना दाल 70 से 90 रुपए प्रति किलो से बढक़र 80 से 95 रुपए के करीब हो चुकी है। आटे का भाव 5 किलो में प्रति पैकेट 250 से 280 रुपए तक महंगा हो चुका है। जिस प्रकार महंगाई बढ़ रही है उससे लोगों में काफी आक्रोश है। यह तो खाने-पीने की चीजों का हाल है, जबकि अन्य सभी व्यवसाय में महंगाई ने अपने पैर पसार के रखे हुए हैं। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि महंगाई की मार का असर त्योहार पर भी अवश्य दिखाई देगा। सामान्य समय में व्यापार.व्यवसाय में काफी गिरावट दर्ज की गई है।