

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में हजारों पद रिक्त रहने के बावजूद व्याख्याताओं एवं माध्यमिक शालाओं के प्रधान अध्यापकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति नहीं दिए जाने के विरोध में शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भरत मटियारा, से भेंट कर उन्हें स्कूल शिक्षा विभाग की लचर एवं लापरवाहपूर्ण कार्यप्रणाली के प्रति अवगत कराते हुए विभाग के उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों की उदासीनता की भी जानकारी प्रदान की।
शिक्षकों ने बताया न्यायालय में लंबित बाधाओं को दूर करने की जवाबदारी सरकार एवं विभाग की है। चाहे केवियट दायर करना हो या कोर्ट में जवाब देना हो या महाधिवक्ता के माध्यम से शासन अथवा विभाग का पक्ष न्यायालय में रखना हो सभी कार्य सरकार और विभाग को ही करना है। लेकिन सभी कार्यों में शिक्षा विभाग के अफसरों की कार्यप्रणाली संदेह के दायरे में है।
शालाओं में नियमित प्राचार्य नहीं होने के कारण शालाओं में अनुशासन की समस्या के साथ अध्ययन-अध्यापन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्रभावित हो रही है तथा शालाओं में गुणवत्ता का स्तर दिन ब दिन कम से कम होते जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल की सभी बातों को गंभीरता पूर्वक सुनने के बाद मटियारा द्वारा आश्वस्त किया गया कि, इस मुद्दे को विधानसभा के आगामी शीत सत्र में जोर-शोर से उठाया जाएगा। इस विषय को लेकर सड़क तक की लड़ाई लड़ने से भी भाजपा पीछे नहीं रहेगी। प्रतिनिधि मंडल में करुणा वैद्य, राधिका ध्रुव, सीमा महादेवकर, राजेश सिंह देव, मो. असलम, दीपक झा, अखिलेशकर शर्मा, ईश्वर लाल वर्मा, देवनारायण बजरंग, हेमंत टांकसाले आदि शामिल थे।