भिलाई में 7 महीने पहले नगर निगम कमिश्नर की छापेमार कार्रवाई को हुक्का बार मालिक ने अब हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है। बार मालिक ने अपनी याचिका में कमिश्नर द्वारा 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया है। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने भी टिप्पणी करते हुए कहा है कि पहली नजर में निगम कमिश्नर द्वारा की गई कार्रवाई गलत नजर आ रही है। मामले पर अब 11 अगस्त को अदालत अपनी अंतिम सुनवाई करेगा। निगम कमिश्नर के खिलाफ केस दर्ज करने की भी मांग जानकारी के अनुसार भिलाई के एम.अरुण फैट रेस्टोरेंट का संचालन करते है, इसमें हुक्का बार भी चलता है। 1 फरवरी को भिलाई के फैट रेस्टोरेंट में निगम कमिश्नर सुनील अग्रहरी ने छापेमार कार्रवाई की थी। लेकिन इस कार्रवाई में कोई आपत्तिजनक या नशीला सामान बरामद नहीं हुआ था। जिसके बाद रेस्टोरेंट मालिक ने इस कार्रवाई के खिलाफ अपने वकील सुमित सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में बार मालिक ने निगम कमिश्नर के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग उठाई है। दोबारा होटल शुरू करने रिश्वत मांगने का आरोप अरुण ने अपनी याचिका में कहा कि नियम के अनुसार किसी भी होटल या हुक्का बार के खिलाफ कोई शिकायत मिलने पर केवल पुलिस, फूड इंस्पेक्टर या फिर ड्रग इंस्पेक्टर ही कार्रवाई कर सकता है। लेकिन इस मामले में जानबूझकर कानून के खिलाफ जाते हुए निगम कमिश्नर ने छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया। अपनी याचिका में बार मालिक ने दोबारा होटल शुरू करने के एवज में कमिश्नर द्वारा 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया गया है। बिना नोटिस जारी हुए नगर निगम ने पेश किया जवाब याचिकाकर्ता के वकील सुमित सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा बिना नोटिस जारी किए ही भिलाई नगर निगम ने पहली सुनवाई में अपना जवाब पेश कर दिया। निगम के जवाब पेश करने पर हाईकोर्ट ने कहा कि जितनी रफ्तार में जवाब आया है उससे मालूम पड़ता है कि नगर निगम भिलाई के लिए यह मामला कितना जरूरी है। बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निगम की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पहली नजर में यह कार्रवाई गलत नजर आती है। 11 अगस्त को हाईकोर्ट ने याचिका को अंतिम सुनवाई के लिए रखा है।