कांकेर/बस्तर मित्र
दीपावली महापर्व की समाप्ति के पश्चात अब देवउठनी एकादशी पर्व आ चुका है, जिसे छोटी दीवाली भी कहा जाता है । विश्वास किया जाता है कि इस एकादशी के दिन से देवी देवता जाग उठते हैं। और विवाहों के लिए शुभ मुहूर्त निकाले जाने शुरू हो जाते हैं। यही कारण है कि दीपावली पर्व संपन्न होते ही देवउठनी एकादशी की प्रतीक्षा शुरू हो जाती है ।
इस वर्ष आम जनता ने महंगाई का सामना करते हुए दीपोत्सव मनाया और अब छोटी दीवाली में और भी अधिक महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। जिसका एक ही उदाहरण काफी है, एकादशी के अवसर पर किए जाने वाले तुलसी विवाह हेतु अति आवश्यक गन्ना पिछले वर्ष से दोगुने दाम पर बिक रहे है। जिस के दाम सुनकर ही लोग भाग खड़े होते हैं। गत वर्ष गन्ने के दाम ₹60 ₹ 70 तक जोड़ी में थे। इस वर्ष यही दाम 120 से 150 तक सुनने में आ रहे हैं ।अन्य त्योहार सामग्री भी जो पहले से ही मँहगी थी। दीपावली के बाद और अधिक महंगी हो गई है।
इस महंगाई की मार से परेशान आम जनता केंद्र तथा राज्य की सरकारों को रात दिन कोस रही है कि त्योहार पर भी ना तो पेट्रोल डीज़ल में कोई उल्लेखनीय राहत मिली और ना खाद्य पदार्थों में, इस कारण लोगों में त्योहार मनाने का उत्साह मारा जा रहा है । मुख्यमंत्री जी कहते ज़रूर हैं कि अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में पेट्रोल डीज़ल के दाम वाजिब स्तर तक लाए जाएंगे लेकिन वह कब लाएंगे इसके बारे में खुलासा होना अभी बाक़ी है।