कांकेर/बस्तर मित्र
प्रकाश पर्व के अवसर पर अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य, छत्तीसगढ़ रायपुर नितिन पोटाई ने प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं हुए प्रकाश पर्व के बारे में बताया कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जयंती प्रकाश पर्व के रूप में देश भर में मनाई जा रही है। सिक्खों के प्रथम गुरू रहे गुरू नानक ने अपने समय में हिंदू और मुसलमानों पर समान रूप से प्रभाव डाला था। सामाजिक और जीवन से संबंधित कुरीतियों को खत्म करने उपदेश देने के साथ उन्होंने ईश्वर प्राप्ति की ऐसी आध्यात्मिक राह दिखाई थी जो आम लोगों के लिए सहज थी।
जिसमें किसी तरह के कर्मकांड और प्रपंच नहीं थे। गुरु नानक देव जी की जन्मतिथि हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। जो दिवाली के 15 दिन के बाद आती है। सिख समुदाय के लोग इसी दिन उनका जन्मदिन पूरबपर्व या प्रकाशोत्व के रूप में मनाते हैं।