बस्तर संभाग

ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोपित को बचाने का लगाया आरोप...

कांकेर/बस्तर मित्र

14 वर्षीय किशोरी से सीएएफ के हवलदार द्वारा दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आने के बाद से ग्राम पंचायत भीरागांव तथा ग्राम पंचायत घोठिया क्षेत्र में तनाव व्याप्त है। शनिवार की बैठक के बाद रविवार को भी ग्रामीणों ने इस विषय पर बैठक बुलाई। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों के समक्ष आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा आरोपितों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

किशोरी की तरफ से दर्ज एफआइआर में घटना का दिनांक जानबूझकर गलत लिखा गया है। ग्रामीणों के अनुसार पीड़िता कम पढ़ी लिखी है। इसलिए वह तारीखों के संबंध में अधिक जानकारी नहीं रखती है। इसी का फायदा उठा कर उससे गलत एफआइआर पर हस्ताक्षर लिए गए हैं। पीड़िता ने पुलिस के समक्ष कभी भी घटना की स्पष्ट तारीख का उल्लेख नहीं किया है। पीड़िता का कहना है कि उसके साथ पहली बार दीपावली के काफी पहले दुष्कर्म हुआ था। वहीं रिपोर्ट लिखाने के चार से पांच दिन पहले दूसरी बार दुष्कर्म हुआ। जबकि पुलिस द्वारा 25 अक्टूबर से 27 अक्टूबर के बीच दो बार दुष्कर्म किया जाना एफआइआर में दर्शाया गया है, जो कि गलत है।

आरोपित हवलदार 15 से 28 अक्टूबर के दौरान ड्यूटी करते हुए आधिकारिक रूप से क्षेत्र से बाहर था। ग्रामीणों ने एफआइआर में गलती सुधार करने की मांग की। इस पर बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा बताया गया कि उन्हें जो आवेदन मिला था। उसी के आधार पर एफआइआर दर्ज की गई है। पीड़िता चाहे तो पूरक बयान दर्ज करवा कर अपनी बात रख सकती है। ग्रामीणों ने दुष्कर्म के समय एक और लड़की की उपस्थिति को छुपाने का भी आरोप लगाया। इस पर भी पुलिस के द्वारा यही जवाब दिया गया कि उन्हें जो आवेदन मिला था। उसी के अनुसार उन्होंने कार्रवाई की है।




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