

धान उर्पाजन केन्द्रों में कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर की संविदा आधार पर 6 माह के लिए नियुक्ति की गयी है। विगत 14-15 सालों से कंप्यूटर ऑपरेटर अपनी सेवाएं उस पद पर देते आ रहे हैं। 6 माह के संविदा को बढ़ाकर 9 माह किया गया है लेकिन शासन डाटा एंट्री ऑपरेटर का कार्य 12 माह लेती है और वेतन मात्र 9 माह का देती है। खाद्य विभाग के आदेश पर विपणन संघ द्वारा यह वेतन भुगतान किया जाता है। शासन द्वारा निर्देशित वित्त निर्देश के आधार पर संविदा वेतन दिया जाता है पंरतु यह वेतनमान दो या तीन वर्षों के बाद लागु किया जाता है। धान खरीदी के अलावा समिति में अन्य महत्वपूर्ण कार्य जो ऑपरेटर के द्वारा संपादित किया जाता है।
1 नगद खाद वितरण का ऑन लाईन प्रविष्टि किया जाना। 2 गोधन न्याय योजना के तहत ऑन लाईन वर्मी कंपोस्ट विक्रय 3 प्रधानमंत्री फसल बीमा। 4 एकीकृत किसान पंजीयन तहत सभी किसानों का पंजीकरण 5 ब्याज अनुदान योजना। 6 राजीव गांधी किसान न्याय योजना।
इस प्रकार से समितियों में डाटा एट्री ऑपरेटरों की अनिवार्य आवश्यकता पूरे 12 माह बनी रहती है वहीं जानकारी में ऑपरेटरों का नाम कर्मचारी के रूप में सम्मिलित नही किया जा रहा है। अभी शासन न अपना कर्मचारी मानती है न विपणन संघ और न ही समिति अपना कर्मचारी मानती है। इस प्रकार से विगत 14-15 सालों से डाटा एंट्री ऑपरेटरों का शोषण किया जा रहा है। न्याय योजना कियान्वित करने वाली सरकार किसानों के सेवा में समर्पित कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है। अतः छत्तीसगढ़ राज्य समर्थन मूल्य धान खरीदी ऑपरेटरों संघ के प्रांतीय आह्वान पर कब होगा न्याय के तहत 29 नवंबर 2021 धान खरीदी के दो दिवस पूर्व दो सूत्रीय मांग 1. धान उपर्जन केन्द्रों में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर को 9 माह से बढ़ाकर 12 माह वर्तमान संविदा वेतनमान दिया जाए। 2. नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठ कर्मचारी माना जाय। अपनी इन मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने का निर्णय लिया है।