
कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखण्ड ग्राम पंचायत इरकबूट्टा का आश्रित गांव बणडा अब भी बुनियादी सुविधाओं की ताक में है। राज्य बने भी दो दशक से अधिक बीत चुके हैं, सरकारें बदल गई पर इस गांव की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इरक बुट्टा गांव की न तो तस्वीर बदली और न ही यहां बसे लोगों की तकदीर, गांव में बसे आदिवासी समुदाय के लोगों का कहना है कि हमने सोचा था कि अब इलाके का तेजी से विकास होगा। लेकिन ये सपना, सपना ही रह गया। हकीकत में तब्दील न हो सका।
इस गांव में आज भी पीने का पानी गढ़्ढ़ों से ही लाया जाता है, यहां के बच्चों के लिये स्कूल नहीं और न उपचार के लिए कोई उप-स्वास्थ्य केन्द्र, इस गांव की हालत बद से बतर हो गई है। यहां के लोग कि आंखे थक चुकी है इंतजार करते की अब उनकी हालत में कोई सुधार होगा।