कांकेर/बस्तर मित्र
छत्तीसगढ़ में पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम,1996 पेसा कानून के प्रावधानों को जल्द लागू किये जाने की तैयारी है पेसा कानून के प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए पंचायात व ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इसके नियमों का मसौदा तैयार कर लिया गया है। इस मसौदे पर नागरिकों से सुझाव मांगे गए है।
प्रस्तावित छत्तीसगढत्र पंचायत उपबंध अनुसूचित जन जाति क्षेत्रों पर विस्तार नियम, 2021 प्रदेश के सभी अनुसूचित क्षेत्रों में लागू होंगे, जहां भारतीय संविधान की पांचवी अनुसूचि लागू है, यह नियम छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे, पेसा कानून के अधीन नए नियम लागू होने से सनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा को गांव की पारंपरिक सीमा के भीतर प्राकृतिक स्त्रोत- जल, जंगल, जमीन तथा सामुदायिक भूमि का संरक्षण, परीक्षण व पर्यवेक्षण का अधिकार होगा।
ग्राम पंचायत के बजट के सथा-साथ विभिन्न अन्य स्त्रोतों से प्राप्त आय से विकास कार्यो व योजनाओं पर ग्राम सभा से अनुमोदन लिया जायेगा। ग्रामसभा, ग्राम पंचायत के कार्यो की नियमित पर्यवेक्षण भी करेगी। कुआं,टैंक, नाला, डबरी तथा अन्य जल स्त्रोतों के संरक्षण व संवर्धन के लिए ग्रामसभा की सहमति से ग्राम प्रबंधन किया जायेगा। भू- उपयोग में परिवर्तन तथा भू- हस्तांरण के संबंध में ग्राम पंचायत को परामर्श दे सकती है। गांव की सीमा के भीतर स्थित तालाब, पोखर, डबरी, छोटी नदी व नाले आदि संरचनाओं का उपयोग व संरक्षण ग्रामसभा के परामर्श से किया जायेगा।