कांकेर/बस्तर मित्र
छत्तीसगढ़ शिवसेना का कहना है कि ‘‘छत्तीसगढ़ सरकार शर्म करो, किसानों को सताना बंद करो‘‘ किसान भाईयो को आज सोचने को मजबूर किया जा रहा। इस वर्ष धान खरीदी शुरू होने के दिन से ही किसानों से बारदानों में धान लिये जाएंगे, जिसके लिए उन्हें प्रति जूट बोरा 18 रूपये प्रदान किये जाएंगे, गत वर्ष यह राशि 15 रूपये थी। क्या किसान के पास फैक्टरी है किसान से 18 रू. बोरे की किमत देना चाहता है उसी पैसा से बोरा खरीदी कर किसानों को नहीं दिया जा सकता है।
पिछले खरीदी का बोरे की किमत आज तक नहीं मिला अब बताइये आज का क्या गारंटी है और किसान एक बार के बाद दुसरे बार कहाँ से बोरा लायेगा जबकि बाजार में फटे बोरा की किमत 40 रु. है। यह सरकार द्वारा सताने का तरीका है सरकार व्यवस्था नहीं कर पा रही तो इस्तीफा दे देना चाहिए।