

कोरोना काल की रफ्तार धीमी होती ही एक बार फिर बाल व्यापार से जुड़े मामला तेजी से सीमांचल के इलाकों में बढ़ते जा रहा है। पहले से ही गरीबी और अशिक्षा के चलते इस इलाके के छोटे बच्चों को मानव तस्कर अलग.अलग बहाने से अन्य प्रदेशों में ले जाते हैं । ऐसे ही एक मामला कोण्डागांव का है जहां बच्चों को बस स्टैंड से प्राप्त किया गया। मानव तस्कर लोग नाबालिक बच्चों को अच्छा रोजगार एवं मजदूरी देने की लालच देकर तमिलनाडु काम करने के लिए ले जा रहे थे जिसे शांति फाउण्डेशन द्वारा रोका गया।
शांति फाउंडेशन के अध्यक्ष यतेंद्र ने बताया कि बच्चों को ले जाने वाले तस्करों के ठीकाने का भी पता चल गया था जिसकी सूचना प्रशासन को भी दी गई लेकिन प्रशासन के कोई भी अधिकारी वहां समय में नहीं पहुंचे प्रशासन के लापरवाही के वजह से तस्कर भागने में कामयाब हो गये। शांति फाउण्डेशन की टीम नाबालिक लड़को को कार्यालय लाया गया और उन्हें श्रम विभाग को सौंपा । शांति फाउंडेशन के अध्यक्ष यतेंद्र सलाम द्वारा पलायान को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने तथा प्रशासन से बेरोजगारों के लिए रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रशासन के सामने बात रखने की बात की है।