

आदिवासी युवा छात्र संगठन जिला कांकेर के तत्वावधान में शहीद गैंदसिंह महाविद्यालय जैसाकर्रा चारामा परिसर में गैंदसिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा गया। जिला अध्यक्ष राकेश दर्रो ने बताया कि छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख क्षेत्र है। बस्तर और बस्तर के पलरकोट नामक गांव में एक जमींदार रहते थे, जिनका नाम गैंदसिंह था।
गैंदसिंह पराक्रमी, बुद्धिमान, चतुर और न्याय प्रिय व्यक्ति थे और वे चाहते थे कि उनके क्षेत्र की प्रजा प्रसन्ना रहे। उन पर किसी प्रकार का शोषण ना हो इसीलिए वे अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते रहे पर अंग्रेजों ने गैंदसिंह को पकड़ लिया और उन पर फर्जी मुकदमा चलाकर 20 जनवरी 1825 को उनके ही महल के आगे फांसी पर चढ़ा दिया। इस तरह गैंदसिंह पलरकोट की धरती और बस्तर की अस्मिता के लिए बलिदान हो गए। गैंद सिंह बस्तर के गौरव और बस्तर के प्रथम शहीद हैं और चारामा कालेज का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है। लेकिन खेद का विषय है कि कालेज को खुले कई वर्ष हो गए पर उनकी प्रतिमा कालेज परिसर में नहीं लगाया गई है।
कालेज परिसर में शहीद गैंदसिंह की प्रतिमा लगती है तो छात्र-छात्राएं उनके आदर्शों से प्रेरणा ले सकेंगे। आदिवासी युवा छात्र संगठन कांकेर मांग करता है कि जल्द से जल्द कालेज परिसर में जगह आरक्षित कर शहीद गैंद सिंह की प्रतिमा स्थापित की जाए और एक सप्ताह के अंदर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो छात्र संगठन ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष राकेश दर्रो, ब्लाक अध्यक्ष असवन कुंजाम, सचिव कामेश नेताम, जिला उपाध्यक्ष लिकेश मंडावी, सुरेंद्र जुर्री, लोकेंद्र कचलाम, करम ठाकुर, मुकेश जुर्री, गजेंद्र तेता, उमेश शोरी, चंद्रभान जुर्री, गीतांजली जुर्री, स्वेता जुर्री, लिशा जुर्री, प्रियंका कोडोपी आदि छात्र संगठन के सदस्य उपस्थित थे।