बस्तर संभाग

वर्ष 2021 में टैंकर पुलिस को मिली चुनौती और उसका समाधान...

कांकेर/बस्तर मित्र।

नक्सलियों के विरुद्ध अभियान संचालित एवं विकास कार्य को गति प्रदान करने हेतु नक्सल क्षेत्र में वर्ष 2020 में इस इकाई के ग्राम कटगांव (थाना प्रतापपुर) एवं ग्राम कामतेड़ा (थाना कोयलीबेड़ा) एवं वर्ष 2021 में ब्लॉक 'ए' अंजरेल (थाना रावघाट) में बीएसएफ का नवीन कैंप स्थापित किया गया। जिले के नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्र में विकास कार्य को गति सुरक्षा प्रदान करें एवं क्षेत्रवासियों को नक्सली भय से मुक्ति दिलाने हेतु ग्राम काम टेढ़ा एवं ग्राम कामतेड़ा एवं कटगांव में नवीनतम प्रारंभ कर सुरक्षा बलों की देखरेख व सुरक्षा में कलगांव से कोलीबेड़ा तक कुल 30 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है । साथ ही परतापुर - कोयलीबेड़ा के मध्य में मेढ़की, वालरे नदी में उच्च स्तरीय पुल/पुलिया का निर्माण कार्य हो रहा है थाना में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा बलों की देखरेख में कुल 90 किलोमीटर मार्ग का निर्माण कराया गयाग्राम कामतेड़ा एवं कटगांव में नवीनतम प्रारंभ कर सुरक्षा बलों की देखरेख व सुरक्षा में कलगांव से कोलीबेड़ा तक कुल 30 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है । साथ ही परतापुर - कोयलीबेड़ा के मध्य में मेढ़की, वालरे नदी में उच्च स्तरीय पुल/पुलिया का निर्माण कार्य हो रहा है ग्राम कामतेड़ा एवं कटगांव में नवीनतम प्रारंभ कर सुरक्षा बलों की देखरेख व सुरक्षा में कलगांव से कोलीबेड़ा तक कुल 30 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है । साथ ही परतापुर - कोयलीबेड़ा के मध्य में मेढ़की, वालरे नदी में उच्च स्तरीय पुल/पुलिया का निर्माण कार्य हो रहा है थाना में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा बलों की देखरेख में कुल 90 किलोमीटर मार्ग का निर्माण कराया गया। ग्राम कामतेड़ा एवं कटगांव में नवीनतम प्रारंभ कर सुरक्षा बलों की देखरेख व सुरक्षा में कलगांव से कोलीबेड़ा तक कुल 30 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है । साथ ही परतापुर - कोयलीबेड़ा के मध्य में मेढ़की, वालरे नदी में उच्च स्तरीय पुल/पुलिया का निर्माण कार्य हो रहा है थाना में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा बलों की देखरेख में कुल 90 किलोमीटर मार्ग का निर्माण कराया गया। थाना में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा बलों की देखरेख में कुल 90 किलोमीटर मार्ग का निर्माण कराया गया।

पुलिस लाइन सिंगारभाट कांकेर/पखांजूर/अंतागढ़/भानुप्रतापपुर अनुविभाग में आगामी बस्तर फाइटर्स पुलिस भर्ती हेतु जिला कांकेर के अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के में 923 पुरुष 722 महिलाओं को 1645 युवक युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं 700 परीक्षार्थियों को रोकने एवं खाने-पीने की व्यवस्था कांकेर, पखांजूर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर में किया गया। आगामी दिनों में जिला कांकेर में होने वाले बस्तर फाइटर पुलिस भर्ती में प्रतिभागियों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके इसके लिये जिला पुलिस/जिला प्रशासन कांकेर द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवक युवतियों हेतु पुलिस लाइन सिंगारभाट में रहने एवं खाने की निशुल्क व्यवस्था की गई।

साईं ऑफ के तहत बैनर, पोस्टर, पाम्पलेट के माध्यम से इस इकाई के नक्सल प्रभावित ग्रामों में जाकर पुलिस बलों द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के आत्मसमर्पण नीति का प्रचार-प्रसार कर विभिन्न नक्सली संगठनों में सक्रिय नक्सलियों के परिजनों से संपर्क कर आत्मसमर्पण करवाने प्रोत्साहित किया जा रहा है। मोर मितान कांकेर पुलिस के तहत जिले के हाट-बाजारों में चलित थाना के माध्यम से ग्रामीणों को समस्या अपराध के साथ साइबर अपराध की जानकारी एवं कालेज/स्कूलों में यातायात जागरूकता संबंधी जानकारी दिए जाने यातायात नियमों के साथ ही दुर्घटनाओं के कारणों एवं उनके निदान के उपाय भी बताए जा रहे हैं । शहर में बढ़ते अपराध की रोकथाम व अज्ञात आरोपियों तक पहुंचने हेतु कांकेर पुलिस द्वारा कांकेर सिक्यो रिटी के तहत कांकेर/ भानुप्रतापपुर/पखांजूर/नहरपुर/अंतागढ़/चारामा में कुल 243 सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। जिले के जनता की समस्याओं का त्वरित निदान एवं पुलिस व जनता के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने हेतु पुलिस अधीक्षक कार्यालय कांकेर में प्रत्येक सोमवार को प्रातः 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक जनदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। समय-समय पर जिले के पुलिस अनु विभाग क्षेत्रों में भी जनदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। साथ ही समर्पण आयोजन के तहत जिले के वरिष्ठ नागरिकों का भी सम्मान करते हुए उनके समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।

कांकेर जिला में नक्सलियों की उत्तर बस्तर डिवीजन अंतर्गत 4 एरिया कमेटी जिनके अंतर्गत 6 एलओएस एक प्लाटून एवं 1 मिलिट्री कंपनी नंबर 5 सक्रिय है। वर्तमान में नक्सलियों के विरुद्ध उनके और इलाके में नक्सल विरोधी अभियान संचालित करने से बढ़ते दबाव के कारण एवं नक्सलियों के बढ़े कैडरो के मारे जाने, गिरफ्तारी आत्मसमर्पण करने के कारण नक्सलियों की संख्या एवं नक्सल अपराध में कमी आई है। विगत कुछ सालों में नक्सलियों के कोर इलाकों में सुरक्षा बलों के नवीन कैंप स्थापित करने से कई बड़े नक्सली कैडर इलाके को छोड़कर अन्य इलाकों में चले गए हैं। छोटी.छोटी ग्रुप होने के बावजूद भी सुरक्षा बल लगातार नक्सली के कोर इलाके में अभियान संचालित कर नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में सहायता प्राप्त कर रहे हैं। जिससे नक्सली काफी हद तक सीमित हो गए हैं। वर्ष 2020 में 24 नक्सली अपराध घटित हुई थी । जिसकी तुलना में 2021 में सुरक्षा बलों द्वारा क्षेत्र में लगातार नक्सली विरोधी अभियान संचालित करने के लिए पिछले वर्ष की तुलना में काफी कमी आई है।




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Mannu Ram Kawde

पत्रकारिता के लिए समर्पित . .



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