रायपुर/बस्तर मित्र
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 6 जनवरी 2022 को दोपहर 12 बजे अपने निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम में पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 16 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2021 तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2 करोड़ 78 लाख रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों को एक करोड़ 70 लाख और महिला समूहों को 89 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।
गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में ग्रामीणों से 2 रूपए की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में इस योजना की शुरूआत 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व से हुई थी। 20 जुलाई 2020 से लेकर 31 दिसम्बर 2021 तक की स्थिति में 59.69 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, जिसके एवज में गोबर बेचने वालों को 116.63 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। 6 जनवरी को गोबर विक्रेताओं को 2 करोड़ 78 लाख रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 119.41 करोड़ रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों को अब तक 42.73 करोड़ रूपए तथा महिला स्व-सहायता समूहों 27.99 करोड़ रूपए राशि लाभांश के रूप में दी जा चुकी है।
राज्य में गोधन के संरक्षण और सर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार एवं चारे-पानी का निःशुल्क बेहतर प्रबंध है। राज्य में अब तक 10591 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 7889 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं। जिसमें से 2201 गौठान आज की स्थिति में स्वावलंबी हो चुके हैं। गोधन न्याय योजना से लगभग 2 लाख ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.85 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। इस योजना से 92,016 भूमिहीन परिवार भी लाभान्वित हो रहे हैं।