बस्तर मित्र न्यूज।
देश में कोरोना संक्रमण की लहर तेजी से फैल रही है और करीब 7 राज्यों में विस्फोटक स्थिति है। ओमिक्रोन वेरिएंट तेजी से फैलने से हर किसी के मन में यह सवाल है कि आखिर देश में क्या फिर लॉकडाउन लग सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो फिलहाल देश के 7 राज्यों में R वैल्यू 3 से ऊपर है यानी इसे कोरोना संक्रमण की विस्फोटक स्थिति माना जा सकता है। देश में पहले दो लॉकडाउन पर नजर डालें तो देश में कोरोना के हालात पहले से ज्यादा खराब हो रहे हैं। ऐसे क्या देश फिर से तीसरे लॉकडाउन की कगार पर पहुंच गया है? क्या सरकार तीसरे लॉकडाउन की तैयारी कर रही है? आखिर इस पर सरकार की क्या रणनीति होगी? कोरोना से निपटने के लिए क्या है सरकार की तैयारी? ऐसे तमाम सवाल इन दिनों लोगों के मन में है ।
लॉकडाउन से बचना है तो सख्ती से पालन करें गाइडलाइन
डॉक्टरों के मुताबिक तीसरी बार लॉकडाउन से बचने के लिए लोगों को चाहिए कि सरकार के दिशा-निर्देशों और सुझावों का सख्ती से पालन करें। कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। डॉ. पीएन अरोड़ा के मुताबिक राहत की बात ये है कि भले ही देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लेकिन दूसरी लहर के मुकाबले संक्रमित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने का अनुपात काफी धीमा है। देश में दूसरे लॉकडाउन के बाद देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता में इजाफा हुआ है। कुछ राज्यों को छोड़कर पहले जैसी दहशत नहीं है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। इसके बाद झारखंड, बिहार, यूपी, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
इन राज्यों में भी बढ़ा दी गई है सख्ती
मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। मप्र में स्कूलों और कॉलेजों में 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ अन्य प्रतिबंध लगाए गए हैं। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में आठवीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। समारोहों में 200 लोगों को अनुमति है। दिल्ली में स्कूल-कॉलेज बंद हैं। दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था की गई है। गुजरात में स्कूल-कॉलेज खुले हैं, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
लॉकडाउन का पहला फॉर्मूला और ताजा स्थिति
पहले लॉकडाउन के फॉर्मूले के मुताबिक तो केंद्र सरकार को अब तक लॉकडाउन लगा देना चाहिए, जिससे संक्रमण की गति को नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन तीसरी लहर के दौरान 6 जनवरी तक मामलों के दोगुने होने की दर घटकर 454 दिन रह गई और इस दौरान रोजाना कोरोना संक्रमण के मामलों में 18 गुना वृद्धि हुई है, लेकिन स्थिति अब भी नियंत्रण में है। अस्पताल में मरीजों की भर्ती काफी कम हो रही है, इस कारण पूर्ण लॉकडाउन लगने की संभावना काफी कम है।