बस्तर मित्र/अम्बिकापुर।
सरगुजा जिले के गोठानों में अब स्वादिष्ट आयस्टर मशरूम का उत्पादन शुरू हो गया है। समूह की महिलाओं ने स्थानीय संसाधनों के बल पर गोठानों में आयस्टर मशरूम की खेती के लिए आवश्यक तैयारी की है। अम्बिकापुर जनपद के आदर्श गोठान सोहगा में अनिता महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा की गई खेती से पहले दिन 4.5 किलोग्राम आयस्टर मशरूम का उत्पादन हुआ जिसे 200 रुपये प्रति किलो के दर से 900 रुपये में बेचा।
कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में जिले के गोठानों को आजीविका संसाधन केंद्र के रूप में विकसित करने नए नवाचारों की पहल की जा रही है ताकि महिलाओं को आजीविका के साधन उपलब्ध हो और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। इसी कड़ी में गोठानों में आयस्टर मशरुम उत्पादन की पहल शुरू की गई है। महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण एनआरएलएम एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञनिकों द्वारा दिया गया है। गोठानों में मशरूम हट बनाये गए है। इस हट में मशरूम उत्पादन के लिए बड़े साइज के पॉलिथीन बैग में स्पान डालकर लटकाए गए है। करीब 25 से 30 दिन में मशरूम उत्पादन शुरू हो गया है।
वैज्ञानिकों ने बताया है कि आयस्टर मशरूम को ढिंगरी के नाम से भी जाना जाता है। इस मशरूम की खेती लगभग वर्षभर की जा सकती है। इसके लिये अनुकूल तापक्रम 20-30 डिग्री सेन्टीग्रेट तथा आपेक्षित आर्द्रता 70-90 प्रतिशत होती है। उपचारित भूसा एवं पैरा कुट्टी जब भीगकर 40 किलो वजन कम हो जाता है उसमें 3 प्रतिशत् की दर से मशरूम स्पॉन (बीज) को मिलाते है। मशरूम का उत्पादन एक अच्छा बिजनेस आइडिया है। इसमें लागत बहुत कम लगती है। उत्पादन कक्ष भी कच्चे और कम लागत पर बनाए जा सकते है। एक किला ढींगरी मशरूम पर 10-15 रुपए लागत आती है और बाजार में मांग के अनुसार 200-250 रूपये प्रति किलो ढींगरी मशरूम बेची जा सकती है।