कांकेर/बस्तर मित्र
कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को पूरी दुनिया में हल्के संक्रमण वाला वेरिएंट बताकर नजरअंदाज किया जा रहा है, लेकिन जर्मनी के विशेषज्ञों ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है। यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक नए शोध के मुताबिक कोरोना वायरस का इंफेक्शन अपना असर छोड़ जाता है, फिर भले ही मरीजों में इसके लक्षण न दिखते हों। ये इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहे ओमीक्रोन में बिना लक्षण या हल्के संक्रमण के मामले ही सामने आ रहे है। शोध के मुताबिक बीमारी का हल्का संक्रमण भी शरीर के अंगों को डैमेज कर सकता है।
इसके लिए सार्स कोव-2 इंफेक्शन के हल्के लक्षण वाले 45 से 74 साल की उम्र के कुल 443 लोगों की बड़े पैमाने पर जांच की गई। इसमें शामिल किए गए संक्रमितों में हल्के या किसी तरह के लक्षण न होने की जानकारी दी गई है। इसका परिणाम बताता है कि इन संक्रमितों में संक्रमित न होने वाले लोगों के मुकाबले मीडियम टर्म ऑर्गेन डैमेज देखा गया। शोधकर्ताओं ने एक बयान में कहा, लंग्स फंक्शन टेस्ट में फेफड़े का वॉल्यूम तीन प्रतिशत घट गया और वायुमार्ग से जुड़ी दिक्कतें भी देखी गईं। इसके अलावा, हृदय की पम्पिंग पावर में औसतन 1 से 2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, जबकि खून में प्रोटीन का स्तर 41 प्रतिशत तक बढ़ गया जो कि हृदय पर पड़ने वा तनाव के बारे में बताता है।