कांकेर/बस्तर मित्र
झमाझम बारिश से धान बर्बाद हो चुका है। धान खरीदी केंद्र में रखे धान भीगने से शासन को लाखों का नुकसान हो रहा है। बांदे लैंपस के अंतर्गत पीवी 84 धान खरीदी केंद्र में धान के बोरो को ढका नहीं है जिससे भारी मात्रा में धान भीग गए है। वहीं केंद्र प्रभारी की लापरवाही साफ तौर पर देखने को मिला है, शासन द्वारा संपूर्ण व्यवस्था होने के बाद भी धान समय पर ढंक नहीं पाए, जबकि पर्याप्त तौर पर सभी केंद्र में त्रिपाल की व्यवस्था की जाती हैं मगर सभी व्यवस्था होने के बाद अगर धान भीगे तो अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां क्या स्थिति रही होगी।
दो दिन से मौसम अपनी करवटे बदल रही है फिर भी धान को सुरक्षित करने में प्रयास नहीं किया गया, जिसके चलते भारी मात्रा में धान भीग गए। आधी रात को लगभग चार घंटे तक झमाझम बारिश हुई। मौसम विभाग ने भी छत्तीसगढ़ में भारी बारिश होने का संकेत दिया फिर भी सतर्कता नहीं दिखाते हुए धान को ढकना जरूरी नहीं समझा इधर लेम्प्स प्रबंधक माणिक ने धान केंद्र प्रभारी की लापरवाही बताते हुए क्षतिपूर्ति की भरपाई करने का संम्पूर्ण जबाबदारी केंद्र प्रभारी को ठहरा रहे हैं ।
इस संबंध में बांदे लैंपस प्रबंधक माणिक ने बताया कि धान भीगना नहीं चाहिए। शासन द्वारा संपर्ण व्यवस्था की गई थी, वही अगर धान का नुकसान हुआ है तो इसकी संपूर्ण जवाबदारी केंद्र प्रभारी की होगी और नुकसान की भरपाई वही करेगा।