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शलभ कुमार सिन्हा पुलिस अधीक्षक कांकेर के मार्गदर्शन में जीएन बघेल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांकेर के निर्देशन डॉ. चित्र वर्मा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कांकेर के पर्यवेक्षण में थाना आमाबेड़ा जिला उत्तर बस्तर कांकेर के अपराध क्रमांक 08/20 धारा 302 भा.द.वी के फरार आरोपी अमरू गावडे पिता मोहन राम गावडे उम्र 30 वर्ष कांकेर आमाबेड़ा के ग्राम हलाईनार की युवती सुगोंती गोटा से शादी की थी। शादी के बाद अमरू अपने ससुराल में ही घर जमाई बनकर रहने लगा था। शादी के कुछ दिन बाद से ही उसको अपनी पत्नी के चरित्र पर शक हुआ। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद भी होता था, लेकिन नक्सली जग्गू गोंटा की बहन होने के चलते वह दबाव में रहता था।
आरोप है कि करीब 2 साल पहले 18 फरवरी की रात पत्नी सुगोंती की हत्या करके वह भाग निकला। सुबह जब सुगोंती नहीं दिखाई दी तो पड़ोस में ही रहने वाले परिजन उसके घर पहुंचे। अंदर उसका शव पड़ा था और उसके सिर और नाक पर चोट के निशान थे। इस पर जग्गू के भाई रजमन कोटा में आमाबेड़ा थाने में FIR दर्ज कराई। करीब डेढ़ माह बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो उसमें हत्या का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने अमरू की तलाश शुरू की।
पुलिस और नक्सलियों के डर के चलते अमरू ने कांकेर छोड़ दिया। वह भाग कर धमतरी चला गया। वहां होटल और राईस मिल में काम करता रहा। इसके बाद करप और फिर कांकेर आकर कलेक्ट्रेट की कैंटीन में झाड़ू-पोछा करना शुरू कर दिया। इस बीच पुलिस उसकी तलाश करती रही, लेकिन वह नाक के नीचे ही मौजूद रहा। जब वह तोड़ासी के मुर्गा बाजार पहुंचा तो पुलिस को सूचना मिली। इसके बाद उसे घेराबंदी करके पकड़ लिया गया।
आमाबेड़ा व कोरर इलाके में नक्सली संगठन में जग्गू गोटा प्रमुख नाम है। हलाईनार का रहने वाला जग्गू ऐसा खतरनाक व चालाक नक्सली है कि उसकी स्पष्ट फोटो तक पुलिस के पास नहीं है। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कई बार जाल बिछाया, लेकिन हर बार चकमा देकर भाग निकला। जग्गू कुएमारी एरिया कमेटी और किसकोड़ो एलजीएस दोनों में काम करता है। वह किसकोड़ो लोकल गुरिल्ला स्क्वॉयड का डिप्टी कमांडर है। उसके खिलाफ कई हत्या व हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं।