कांकेर/बस्तर मित्र
जिले के उपार्जन केंद्रों में लाखों क्विंटल धान रखा हुआ है। अधिकांश केंद्रों में बफल लिमिट से अधिक धान है। जिससे पिछले सप्ताह हुई बेमौसम बारिश में उपार्जन केंद्रों में रखे धान के बोरे भीग गए थे। हालांकि अधिकारी धान के स्टेग को ढंककर रखने और अधिक नुकसान नहीं होने की बात कह रहे थे, लेकिन खरीदी केंद्रों में रखे धान के बारिश में भीगने के बाद अब धान अंकुरित हो रहे हैं और बारदानों से धान के पौधों की जड़ें बाहर झांकने लगी हैं।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य जिले के 137 उपार्जन केंद्रों में किया जा रहा है। दिसंबर माह के अंतिम दिनों और जनवरी के दूसरे सप्ताह में बैमौसम बारिश में कई खरीदी केंद्रों में रखे धान के बारे भीग गए थे। बारिश की संभावना को देखते हुए धान के बोरों को समितियों द्वारा ढककर रखा गया था, लेकिन इसके बाद भी बारिश में भीगने से इन्हें पूरी तरह से बचाया नहीं जा सका था। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से खरीदी केंद्र में रखे धान के भीगने की सूचना भी मिल रही थी। जिसे देखते हुए अधिकारियों की टीम ने खरीदी केंद्रों का निरीक्षण भी किया था।
खरीदी केंद्रों में रखे धान के भीग जाने के तत्कालीक परिणाम तो सामने नहीं आए, लेकिन बारिश बंद होने के बाद भीगा हुआ अंकुरित होने लगा है। खरीदी केंद्रों में रखे धान से अंकुरण के साथ जड़ें आ गई हैं। बारदानों से धान की जड़े बाहर निकल आई हैं। जिससे साफ नजर आता है कि बारिश में भीगने के कारण धान अंकुरित हो गया है और इससे काफी नुकसान भी हुआ है। हालांकि बारिश में धान के भीगने से कितने केंद्रों में रखे धान में अंकुरण की स्थिति है, इसका आंकलन विभाग द्वारा नहीं कराया गया है। इस संबंध में जिला विपणन अधिकारी चंद्र प्रताप सिंह से पुछे जाने पर उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश में कुछ केंद्रों में धान के बारदाने भीग गए थे। भीगे बारदाने में रखे धान को पलटकर दूसरे बोरों में भरने के निर्देश दिए गए थे। बारिश में भीगने के कारण अधिक नुकसान नहीं हुआ है।
जिले के धान खरीदी केंद्रों में अब भी 11 लाख क्विंटल से अधिक धान एकत्रित है। जिसमें आधे से अधिक केंद्रों में धान बफर लिमिट से अधिक है। हालाकि मिलरों व परिवहनकर्ता द्वारा उठाव कार्य किया जा रहा है। लगभग यही स्थिति बारिश के समय भी खरीदी केंद्रों में धान की धान की थी। अधिक मात्रा में खरीदी केंद्रों में धान होने के कारण उसके रख रखाव की उचित व्यवस्था कर पाना समितियों के कठिन हो जाता है। जिले में अब तक 2498522 क्विंटल धान की खरीदी का कार्य पूर्ण हो गया है। समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए 10 खरीदी दिवस शेष रह गए हैं। जिले में अब तक लक्ष्य का लगभग 72 प्रतिशत धान की खरीदी की जा चुकी है। शेष खरीदी दिवस में लक्ष्य को पूरा करने के लिए 9 लाख 60 हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी करनी होगी। बता दें कि इस बार जिले को 3459480 क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य मिला है।