
चलने-फिरने के महत्व के बारे में हम ज्यादा नहीं सोचते, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार ये दुनिया के सबसे अच्छे व्यायामों में से एक है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि वॉकिंग हमारी फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है। इससे न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि कम्युनिकेशन स्किल्स भी अच्छी होती हैं।
वॉकिंग एक ब्रेन बूस्टर है। इससे भूलने की बीमारी का खतरा कम होता है और याददाश्त बेहतर होती है। यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया की एक रिसर्च के अनुसार, वॉकिंग बूढ़े पुरुषों में डिमेंशिया और अल्जाइमर के जोखिम को कम करती है।
चलने से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इसके साथ ही वॉकिंग से डायबिटीज, कैंसर और दिल की बीमारी भी दूर रहती है। हावर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, हफ्ते में केवल ढाई घंटे चलने से हार्ट की बीमारी का खतरा 30% तक कम होता है।
दिन में कुछ मिनट चलने से आपका मूड अच्छा हो सकता है और एंग्जाइटी कम हो सकती है। वॉकिंग का असर तब ज्यादा होता है जब आप नेचर में जाएं। चलने से आपकी मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं। इन पर पड़ने वाला स्ट्रेस भी कम होता है।
चलने से हमारी एनर्जी को बूस्ट मिलता है। इसके साथ ही ये नींद की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार है। आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, 50 से 75 साल की महिलाएं अगर हर रोज कुछ समय वॉक करें तो उन्हें नींद न आने की परेशानी नहीं होगी।
वॉकिंग को सिर्फ एक हल्की-फुल्की सैर समझना गलत होगा। तेज चलने से आपके पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। वॉकिंग को हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज बनाने के लिए भारी बैग टांग कर चला जा सकता है।
अपने पार्टनर या बच्चों के साथ सैर करने से आपके उलझे रिश्ते सुलझ सकते हैं। साथ चलते समय आप अपने मन की बातें करके रिश्ते में कम्युनिकेशन बढ़ा सकते हैं। कई शोधों में ये पाया गया है कि जो लोग रोजाना अपने घर के आस पास सैर करते हैं, उनके सामाजिक रिश्ते भी काफी अच्छे होते हैं।