बस्तर संभाग

जिला अस्पताल में पहली बार खरगोश का हुआ सफल ऑपरेशन , स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा विभाग द्वारा संयुक्त कार्य द्वारा बचाई गई खरगोश की जान

कोण्डागांव.

सभी के लिये चिकित्सा सुविधाओं हेतु डब्ल्यूएचओ द्वारा ‘एक दुनिया एक स्वास्थ्य‘ के तहत् मानव चिकित्सा सुविधाओं की तरह ही पशुओं के उपचार पर भी बल दिया गया था। जिसके तहत् शुक्रवार को गंभीर रूप से बीमार खरगोश का ईलाज जिला चिकित्सालय में आॅपरेशन द्वारा किया गया। ज्ञात हो कि जिला पशु चिकित्सालय में गंभीर रूप से बीमार खरगोश को लाया गया था, जो कि विगत कई दिनों से खाना नहीं खा रहा था। जिसका परीक्षण करने के बाद डाॅक्टर नीता मिश्रा ने बताया कि खरगोश के दांतों की लम्बाई अत्यधिक बढ़ जाने के कारण वह खाना खाने में असमर्थ हो गया था। जिससे उसके स्वास्थ्य में निरंतर गिरावट आ रही थी। उक्त खरगोश के दांतों को काटा जाना आवश्यक हो गया था परन्तु जिला पशु चिकित्सालय में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी।

जिसे देखते हुए उप संचालक पशु स्वास्थ्य सेवाएं शिशिरकांत पाण्डे द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ0 टीआर कुंवर से चर्चा कर आॅपरेशन पर स्वीकृति प्राप्त की। जिसके उपरांत अस्पताल की दंत चिकित्सक उर्वशी गुरू के द्वारा खरगोश की जांच कर पाया कि सामान्य आकार से ढाई सेंटीमीटर अधिक दांतों की लम्बाई में वृद्धि हो गई है। जिसके लिये पहली बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष व्यवस्थाएं करते हुए दांतों को काटकर मुंह की सफाई हेतु आॅपरेशन किया गया। जिसके पश्चात् खरगोश के स्वास्थ्य में लगातार सुधार देखा गया है। इस संबंध में पशु चिकित्सक डाॅ0 नीता मिश्रा ने बताया कि जिले में पहली बार पशु की जिला अस्पताल में आॅपरेशन किया गया है। यह अपने आप में उदाहरण है कि किस प्रकार इंसानों के साथ पशुओं के लिये भी समान उपचार की व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। आज के समय में अधिकतर बीमारियां पशुओं से इंसानों में फैल रहीं हैं जैसे कोरोना, एच1 एन1 आदि। ऐसे में पशुओं के ईलाज पर मनुष्यों के भांति ही ध्यान देना आवश्यक हो जाता है ताकि पशुओं से इंसानों में फैलने वाली घातक बीमारियों से लोगों को उनके विकराल रूप लेने से पूर्व ही बचाया जा सके।




About author

PANKAJ BAGCHI

मेरे शब्द कलम-स्याही से नहीं, आत्मा की आग-पानी से भलखे जाते हैं.



0 Comments


Leave a Reply

Scroll to Top