कांकेर/बस्तर मित्र।
महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में फास्टर केयर पोषण देखरेख विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बाल संरक्षण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। डॉक्टर वंसुधरा ने फास्टर के उद्देश्य, मूल सिद्धान्त, परिवार की अर्हताएं, उपयुक्त सुविधाओं संबंधी अर्हताओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बच्चों के मानसिक व्यवहार और आदतों पर किये गये सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर फास्टर केयर व्यवहारिक पहलुओं के बारे में बताया, साथ ही उन्होंने उपस्थित लोगों से फीडबैक भी लिया।
बताया गया कि फास्टर केयर कार्यक्रम के तहत देखरेख एवं संरक्षण के आवश्यकता वाले बालकों को पारिवारिक वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वैकल्पिक अस्थाई रूप से परिवार प्रदान किया जाता है। फास्टर केयर के लिए पति- पत्नी दोनों को भारतीय नागरिक होना चाहिए एवं वे बालक अथवा बालिका को रखकर पालन-पोषण कर सकते हैं। उनकी आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा आय का पर्याप्त साधन होना चाहिए।
इसके अलावा फास्टर केयर के विभिन्न पहलुओं पर भी कार्यशाला में विस्तार से चर्चा किया गया। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, पुलिस विभाग, समाज कल्याण विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, बालक कल्याण समिति, बालगृह (बालिका) विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसी, चाईल्ड लाईन व जिले में संचालित स्वेच्छिक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।