कांकेर/बस्तर मित्र।
सरिया सीमेंट गिट्टी की कम रेट में उपलब्धता के बावजूद अभी घर बनाने वालों को महंगी रेत का सामना करना पड़ रहा है। महानदी से डंपिंग किए गए रेत दुगुनी दरों पर बेचे जाने की खबर मिल रही है। प्लास्टर रेत स्पॉट में ही तकरीबन 7 हजार हाईवा की बातें हैं ट्रांसपोर्टिंग का अलग 10 जून से उत्खनन बंद होने से अभी घर निर्माण करने वालों को डंपिंग रेत ही लेना पड़ेगा।
बालोद क्षेत्र सहित धमतरी में भी उत्खनन बंद है। कांकेर जिले में भी खासकर हाईवे में कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के चलते हाईवे में कुछ प्लाट बिकाऊ था, लेकिन अब बिकाऊ प्लाट हाईवे में कम ही है। जो है वह बजट आम लोगों की पहुंच से बाहर है। कृषि जमीनों का भी यही हाल है । समर्थन मूल्य में लगातार वृद्धि के चलते लोग बेचना नहीं चाहते। लखनपुरी हाईवे में आगे फोरलेन प्रोजेक्ट को विचार करते हुए लोग निर्माण कर रहे हैं। टर्निंग में बसे लखनपुरी में रोड सीधाकरण के चलते भी आगे कुछ निर्माण जाने की स्थिति में है।
चारामा तक शासन द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। करोड़ों की राशि मालिकों के खातों में डाली जा चुकी है। चारामा के उस पार भी अधिग्रहण किया गया है। लेकिन चारामा शहर में अधिग्रहण नहीं हुआ है, और इस संबंध में कोई अधिकारी बता भी नहीं रहे हैं कि बायपास बनेगा या शहर से आगे फोरलेन गुजरेगी। शहर से फोरलेन गुजरेगी तो काफी एरिया चला जाएगा। लेकिन बाईपास का विचार करें तो शासन को काफी खर्चा आने से और कईयों किसानों को मुआवजा दिए जाने से लागत भी काफी आना है। तो चारामा का होगा क्या यह भी भविष्य को लेकर हाईवे किनारे बसे लोग चिंतित दिखते हैं। फोरलेन से वैसे भी व्यापार व्यवसाय खत्म हो जाने की आशंका है। धमतरी से जगदलपुर फोरलेन कब शुरू होगा यह कोई नहीं बता पा रहा है। श्याम तराई यानी धमतरी शहर बाईपास कार्य में गति से लोग आशान्वित हैं। कुछ संशय दूर होगा जब प्रोजेक्ट चालू हो।