बस्तर मित्र न्यूज।
‘हमने छत्तीसगढ़ में जो मॉडल लाया वो लोगों की जेब में पैसा डालने वाला मॉडल है। हमने किसानों, मज़दूरों, ग़रीबों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम किया। हमने लोगों को अधिकार सम्पन्न बनाने का काम किया है। नया छत्तीसगढ़ का मॉडल लोगों को आर्थिक समृद्धि देने का मॉडल है।’ यह विचार आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने न्यूज-18 के कार्यक्रम “राइजिंग छत्तीसगढ़” में व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल से परिचर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ के विकास मॉडल से लेकर उनके व्यक्तिगत जीवन तक के अनेक सवाल पूछे गए, जिनका मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बेबाकी से जवाब दिया। परिचर्चा की शुरुआत में बदलते छत्तीसगढ़ की तस्वीर पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई।
कार्यक्रम “राइजिंग छत्तीसगढ़” के दौरान “गढ़त हे नवा छत्तीसगढ़” सत्र के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल से परिचर्चा में सवालों की शुरुआत नया छत्तीसगढ़ मॉडल को लेकर हुई। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों को उनकी उपज की सही कीमत देना, मजदूरों के लिए कोरोना काल में भी मनरेगा जैसा कार्य जारी रखना, गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए भूमिहीन ग्रामीण कृषि मजदूर योजना की शुरुआत कर इन सभी तबकों के जेब में पैसे डालने का काम वर्तमान राज्य सरकार ने किया है। इसके अलावा भी अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए छत्तीसगढ़वासियों को अधिकार सम्पन्न बनाने का काम राज्य सरकार ने किया है। वहीं आर्थिक रूप से समृद्ध भी कर रही है। यही छत्तीसगढ़ का नया विकास मॉडल है। हमारे इस छत्तीसगढ़ मॉडल को देखने-समझने केन्द्रीय टीमें भी आती हैं।
वहीं गोधन न्याय योजना को लेकर हुए सवाल पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि, आवारा मवेशी पूरे देश में बड़ी समस्या रहे हैं, लेकिन किसी भी राज्य ने इस समस्या का समाधान करने पर ध्यान नहीं दिया। छत्तीसगढ़ में वर्तमान सरकार ने इस समस्या को समझा और अनेक आयामों पर सोचते हुए इस पर काम किया। अब मवेशी घरों में बांधकर रखे जा रहे हैं। जो मवेशी कभी भूखे भटकते थे, अब उनके चारे की व्यवस्था हो रही है क्योंकि इन मवेशियों के गोबर से भी लोगों को पैसा मिल रहा है। आज छत्तीसगढ़ में एक बड़ा तबका गोबर बेचकर आर्थिक रूप से सम्पन्न हो रहा है। वे अपनी जरूरतें तो पूरी कर रहे हैं साथ ही भौतिक संसाधन भी गोबर बेचकर जुटाने में सक्षम हो रहे हैं। अब तो दूसरे राज्य भी गोबर खरीदी की योजना को लागू करने में रुचि दिखा रहे हैं। लोकसभा की समिति भी छत्तीसगढ़ की गोबर खरीदी योजना को देशभर में लागू करने की सिफारिश कर चुकी है।
पुरानी पेंशन स्कीम को फिर बहाल करने के विचार को लेकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का कहना था कि, बीते वर्षों में लोगों से जहां रोजगार छीन लिए गए, और कई सरकारें अब भी युवाओं के वर्तमान को भविष्य को अधर में रखने का काम कर रही हैं, ऐसे में हम 60 साल के बाद के लोगों की भी चिंता कर रहे हैं। पुरानी पेंशन स्कीम को भी इसी को ध्यान में रखकर पुनः बहाल किया गया। पेंशन भविष्य में सम्मान का एक आधार बनता है। हमारी सरकार सबके साथ न्याय और सबको सम्मान के ध्येय पर काम कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि, हम भारत वर्ष की परम्पराओं का निर्वहन करने वाले लोग हैं। अहिंसा की बात महात्मा गाँधी जी से पहले बुद्ध ने कही थी। अनेकांतवाद का सिद्धांत महावीर ने दिया था। गाँधी जी उन परम्पराओं को आगे बढ़ाया और हम गाँधी जी के दिखाए रास्ते पर चलने वाले लोग हैं।
मैं एक आम छत्तीसगढ़िया हूँ -
परिचर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा गया कि, आपको दूसरों से क्या चीज अलग करती है ? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, यह मेरे लिए सबसे कठिन सवाल है। यह दूसरे ज्यादा बेहतर बता सकते हैं। वैसे में एक आम छत्तीसगढ़िया हूँ। मैंने वो सबकुछ किया है जो एक आम छत्तीसगढ़िया ग्रामीण अपने दैनिक जीवन में करता है। मेरी जीवनशैली किसी आम इंसान की तरह ही रही है और अब भी वही आम इंसान मेरे भीतर है। मेरे आचार-विचार और व्यवहार में छत्तीसगढ़ियापन हमेशा से रहा है और रहेगा।
सुर में मिलाए सुर -
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नन्ही कलाकार आरू साहू के साथ सुर में सुर मिलाए। उन्होंने लयबद्ध तरीके से और पूरे सुर के साथ “चना के दार राजा...” गीत गाया। न्यूज-18 के कार्यक्रम “राइजिंग छत्तीसगढ़” के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नन्हे कलाकार सहदेव दिरदो और आरू साहू की प्रतिभा को सहारते हुए तारीफ़ की। साथ ही राउत नाचा के कलाकारों के साथ मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भी उन्हीं के अंदाज में दोहे बोले और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।