बस्तर मित्र/कांकेर।
गांव के साथ शहर में सामाजिक समरसता का प्रतीक ठाकुर जोहरनी पर्व मनाया गया। पर्व में आदिवासी समाज के साथ दूसरे समाज के लोग भी शामिल हुए गैर सामाजिक भाईचारे का संदेश दिया। पर्व पर गांव प्रमुख के निवास में देवी देवताओं की पूजा के बाद सामूहिक रूप से गांव में पारंपरिक नृत्य किया गया। नवाखाई के दूसरे दिन 5 सितंबर को ठाकुर जो हरनी पर्व मनाया गया बे वर्थी में ठाकुर जोहर ने पर्व योगेश नेताम के घर में मनाया गया योगेश नेताम अपने दादा के निधन के बाद गांव के ठाकुर बने हैं सभी देवी देवताओं की पूजा की गई ग्राम के ठाकुर को पगड़ी पहनाकर तिलक लगाकर सम्मानित किया। गांव के मूलाधार लखन नेता गायत्री झाडूराम नेता के साथ दूसरे समाज प्रमुखों को भी पगड़ी पहना कर सम्मान किया गया। इसके बाद गांव के सभी लोगों ने मिलकर रेला पाटा नृत्य किया।
समाज के पूर्व जिला युवा प्रभाव अध्यक्ष कन्हैया उसेंडी मनीष सिंह का आर्डर ने ठाकुर जो हारने की महत्ता बताते हुए कहा यह पर्व हमें सामाजिक समरसता का संदेश देता है। गांव में सभी समाज के लोगों को आपस में मिलकर एक दूसरे का सहयोग करते परंपराओं का निर्वाह करना चाहिए कार्यक्रम में हरी राम साहू नारायण साहू बृजलाल यादव मोतीराम यादव आसाराम नेताम दीपक भारद्वाज शिवपुर रे लोकेश जैन सरपंच पुष्पा नेताम उपसरपंच नरेंद्र चौरसिया भी शामिल हुए।