बस्तर मित्र/कांकेर।
जिला सहकारी संघ कांकेर के अध्यक्ष सियो पोटाई ने बताया कि कांकेर जिले में 14 नवम्बर से 20 नवम्बर तक सहकारी सप्ताह का आयोजन किया जायेगा जिसके अन्तर्गत सहकारिता का प्रचार-प्रसार एवं उसके विस्तार के लिए संगोष्ठी सभा और परिचर्चा का आयोजन किया जायेगा। जिला सहकारी संघ का प्रयास होगा कि सहकारिता आन्दोलन में कांकेर जिलेवासी अधिक से अधिक संख्या में जुड़ सकें।
श्रीमती पोटाई ने कहा कि देश भर की सहकारी संस्थाओं द्वारा प्रत्येक वर्ष 14 से 20 नवंबर तक सहकारी सप्ताह का आयोजन किया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ नई दिल्ली द्वारा इस वर्ष की मुख्य थीम ‘‘भारत@75 सहकारिता ओं का विकास और भविष्य‘‘ निर्धारित की गई है। जिला सहकारी संघ अध्यक्ष श्रीमती सियो पोटाई ने बताया कि केंद्र में नए सहकारिता मंत्रालय के गठन के मद्देनजर मुख्य थीम के साथ सहकारिता सप्ताह समारोह का एक विशेष महत्व है। इस वर्ष का मुख्य विषय अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2022 को स्वतंत्रता के 75 वे वर्ष ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव‘‘ के रूप में दर्शाता है जिसका उद्देश्य न केवल सहकारी आंदोलन की उपलब्धियों को उजागर करना है बल्कि आंदोलन को मजबूत करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करना और लागू करना है।
सहकारी सप्ताह के प्रत्येक दिवस के कार्यक्रम के लिए अलग-अलग विषय तय किया गया है। इस वर्ष के सहकारी सप्ताह हेतु तिथिवार विषय निम्न है-
1. 14/11/2022 दिन सोमवार, सहकारिता क्षेत्र में ‘‘ जेम और निर्यात संवर्धन।
2. 15/11/2022 दिन मंगलवार, सहकारी विपणन, उपभोक्ता, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन।
3. 16/11/2022 दिन बुधवार, सहकारी शिक्षण को मुख्यधारा में लाना, व्यवसायिक प्रबंधन और उन्मुखी प्रशिक्षण।
4. 17/11/2022 दिन गुरूवार, नवाचार को बढ़ावा देने में सहकारिता की भूमिका, प्रौधोगिकी उन्नयन और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना।
5. 18/11/2022 दिन शुक्रवार, उद्यमिता विकास और सार्वजनिक-निजि-सहकारी भागीदारी को सुदृढ़ बनाना।
6. 19/11/2022 दिन शनिवार, युवा, महिला एवं कमजोर वर्ग और स्वास्थ्य के लिए सहकारिता।
7. 20/11/2022 दिन रविवार, वित्तीय समावेशन, पैक्स का डिजिटलीकरण और सुदृढ़ सहकारी डेटाबेस।
आगे श्रीमती पोटाई ने बताया कि सहकारिता को महापर्व के रूप में मनाया जाने वाला सहकारी सप्ताह हम सहकारी जनों के लिए अति महत्वपूर्ण है सप्ताह के सातों दिन लगातार कार्यक्रमों के माध्यम से यह सप्ताह हमें लोगों के बीच जाकर सहकारिता की जमीनी स्थिति को समझने जानने का अवसर तो प्रदान करता ही है इससे हमारे वर्ष भर के क्रियाकलापों का सही मूल्यांकन भी होता है। सहकारी संस्थाओं के लिए लोगों के बीच जाकर सहकारिता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का यह सुनहरा अवसर होता है। अपनी उपलब्धियां आमजन तक पहुंचाने और जमीनी स्तर पर मिले फीडबैक के द्वारा नई कार्ययोजना बनाने का भी मार्ग भी प्रशस्त होता है। सहकारी संस्थाएं गोष्टी सम्मेलन परिचर्चा का आयोजन करते हैं। प्रदेश की त्रिस्तरीय सहकारी अवस्था में प्राथमिक जिला व राज्य स्तरीय सभी संस्थाएं मिलजुलकर सहकारी कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। श्रीमती पोटाई ने कांकेर जिले के 377 समितियों के प्रबंधकों एवं निर्वाचित पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि सहकारी सप्ताह के इस आन्दोलन से जुड़कर सहकारिता को मजबूत बनाने का काम करें।