बस्तर संभाग

लाख की खेती के लिए बिना ब्याज ऋण दिये जाने का पोटाई ने किया स्वागत . . .

बस्तर मित्र/कांकेर।

राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य और जिला वनोपज सहकारी संघ कांकेर के अध्यक्ष नितिन पोटाई ने लाख की खेती के लिए राज्य सरकार द्वारा बिना ब्याज के ऋण दिये जाने की योजना का स्वागत करते हुए छ.ग. के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया है। श्री पोटाई ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का यह अहम् फैसला लाख उत्पादकों एवं वनोपज संग्राहक परिवारो के लिए आर्थिक उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा।

श्री पोटाई ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी आय में वृद्धि हेतु विशेष पहल की जा रही है। इसके परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बीहन लाख आपूर्ति तथा बीहन लाख विक्रय और लाख फसल ऋण की उपलब्धता के लिए मदद सहित आवश्यक व्यवस्था की गई है। राज्य में वर्तमान में 4 हजार टन लाख का उत्पादन होता है, जिसका अनुमानित मूल्य राशि 100 करोड़ रूपये है। राज्य मे लाख उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाते हुए 250 करोड़ रूपये की आय कृषकों को देने का लक्ष्य है।

राज्य में बीहन लाख की कमी को दूर करने हेतु कृषकों के पास उपलब्ध बीहन लाख को उचित मूल्य पर क्रय करने के लिए क्रय दर का निर्धारण किया गया है। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय क्रय दर 550 रूपये प्रति किलो ग्राम तथा रंगीनी बीहन लाख (पलाष वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय क्रय दर 275 रूपये प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह कृषकों को बीहन लाख उपलब्ध कराने हेतु विक्रय दर का भी निर्धारण किया गया है। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय विक्रय दर 640 रूपये प्रति किलोग्राम और रंगीनी बीहन लाख (बीहन लाख (पलाश वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषको को देय विक्रय दर 375 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।

श्री पोटाई ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला सहकारी बैंक के माध्यम से लाख फसल ऋण निःशुल्क ब्याज के साथ प्रदाय करने हेतु व्यवस्था की गई है। इसके तहत लाख पालन करने हेतु पोषक वृक्ष कुसुम पर 5 हजार रूपए, बेर पर 900 रूपये तथा पलाश पर 500 रूपए प्रति वृक्ष ऋण सीमा निर्धारित है।

श्री पोटाई ने कहा कि राज्य में योजना के क्रियान्वयन और लाख उत्पादन में वृद्धि करने के लिए 20 जिला यूनियनो में 03 से 05 प्राथमिक समिति क्षेत्र को जोड़ते हुए लाख उत्पादन क्लस्टर का गठन भी किया गया है। इसके तहत प्रत्येक लाख उत्पादन क्लस्टर में सर्वेक्षण कर कृषकवार बीहन लाख की मांग की जानकारी ली जा रही है । इनमें कृषकों को संघ द्वारा निर्धारित मूल्य बीहन लाख प्रदान करने हेतु आवश्यक कुल राशि को अग्रिम रूप से जिला यूनियन के खाते में जमा कराना होगा । इसके तहत कुसमी बीहन लाख के लिए कृषकों से प्राप्त मांग के अनुरूप राशि जमा किये जाने हेतु 15 दिसम्बर तक समय निर्धारित किया गया है।




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Kiran Komra

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