कांकेर/बस्तर मित्र।
आईसीए-एपी ( एशिया-प्रशांत ), एनसीयूआई और सेवा भारत के संयुक्त तत्वाधान में महिला पदाधिकारी हेतु राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक - 13 से 14 दिसंबर 2022 तक देश की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में आयोजित है जिसमें जिला सहकारी संघ मर्यादित कांकेर के अध्यक्ष सियो पोटाई, जिला उपभोक्ता सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष कमला गुप्ता, महिला बहुउद्देशीय सहकारी समिति के अध्यक्ष कलावती कश्यप एवं गोमती सलाम भाग लेंगे।
इस विषय पर चर्चा करते हुए सहकारी संस्थाओं का नेतृत्व करने वाले अग्रणीय संस्था जिला सहकारी संघ मर्या. कांकेर के अध्यक्ष श्रीमती सियो पोटाई ने बताया कि 13 एवं 14 दिसंबर को एनसीयूआई नई दिल्ली में आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यशाला का मुख्य विषय एकजुटता को मजबूत करना है। यह पहला अवसर होगा जबकि सेवा भारत, एनसीयूआई और आईसीए-एपी द्वारा संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में बस्तर के 4 महिलाएं भाग लेंगी। इस सम्मेलन में महिलाओं के स्वामित्व वाली एवं महिलाओं के महिला सहकारी समितियों और सामूहिक उद्यमों को फलने-फूलने में सहयोग बनाने वाले सहकारी समितियों के उत्थान एवं विकास के विषय में चर्चा होगी। श्रीमती पोटाई ने आगे कहा कि अब देश के लोग सहकारिता के महत्व को समझने लगे है। यही एक ऐसी संस्था है जिसके माध्यम से देश के सभी लोगों को एकता के सूत्रों में पिरोया जा सकता है। सहकारिता के महत्व को समझते हुए केन्द्र सरकार ने अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन भी किया है और अब हर गांव में सहकारी समिति बनाने की बात हो रही है। कोरोना के भयावह कार्यकाल में सहकारी समितियों की पूरी दुनिया में जीत हुई इस दृष्टिकोण से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। आज देश की हजारों लाखों महिलाएं सहकारी समितियां के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत होकर आत्मनिर्भर हो रही है। ऐसे समय में इस तरह के आयोजन से देश के महिलाओं में नव ऊर्जा का संचार होगा और वे दुगुने उत्साह से सहकारिता के क्षेत्र में कार्य करेंगे।
श्रीमती पोटाई ने आगे बताया कि दो दिवसीय इस राष्ट्रीय कार्यशाला में देश भर से प्रतिभागियों के रूप में लगभग 100 महिला सहकारिताएं अपने अनुभव साझा करेंगी एवं चुनौतियों पर विचार करेंगी और आगे की राह पर चर्चा करेंगी। दिल्ली से प्रशिक्षण उपरांत बस्तर के महिलाओं को सहकारिता से जोड़ने के लिए आंदोलन चलाया जायेगा और यहां उपलब्ध संसाधनों के आधार पर सहकारी संस्था गठन कर मिशाल पेश किया जायेगा।
क्या है सेवा भारत, एनसीयूआई और आईसीए-एपी ?
जिला सहकारी संघ के अध्यक्ष सियो पोटाई ने बताया कि इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस (आई.सी.ए.) एक विश्व स्तरीय सहकारी महासंघ है जो दुनिया भर में सहकारी आन्दोलन का प्रतिनिधित्व करता है इसकी स्थापना 1895 में दुनिया भर में सहकारी समितियो को एकजूट करने के लिए की गई थी। इस समय 112 देशो में कुल 318 सहकारी संगठन इसके सदस्य है जिसके जरिये यह संगठन दुनिया भर मे करीब 1 अरब व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। एलायंस के सदस्य कृषि, बैंकिंग, उपभोक्ता, मत्स्य पालन, स्वास्थ्य, आवास, बीमा और श्रमिकों सहित अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में काम करते है। वहीं भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एन.सी.यू.आई.) देश में संपूर्ण सहकारी आन्दोलन का प्रतिनिधित्व करने वाला एक शीर्ष संगठन है जिसे 1929 में अखिल भारतीय सहकारी संस्थान संघ के रूप में स्थापित किया गया था और अखिल भारतीय सहकारी संस्थान संघ के साथ भारतीय प्रांतीय सहकारी बैंको के संघ के विलय के माध्यम से और बाद में 1961 में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के रूप में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के रूप में पूर्नगठित किया गया था। तब से एन.सी.यू.आई. देश में सहकारिता आन्दोलन के पत्र प्रदर्शक के रूप में कार्य कर रहा है। यह संस्था सहकारी नितियों के मामले में अपना विचार व्यक्त करता है और राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय क्षेत्रों में मान्य प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है। यह संस्था सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण आयोजित कर सहयोग के सिद्धांतों और प्रथाओं को लोकप्रिय बनाता है।
श्रीमती पोटाई ने कहा कि सेवा भारत ( स्व-नियोजित महिला संघ ) भारत में 18 राज्यों में अनौपचारिक अर्थव्यवस्था से 2.1 मिलियन (2021) से अधिक गरीब स्व-नियोजित महिला श्रमिकों की सदस्यता के साथ 12 अपैल 1972 को पंजीकृत सबसे बड़ा केन्द्रीय ट्रेड यूनियन है। इसकी स्थापना 1972 में गुजरात में एलाबेन भट्ट द्वारा स्थापित की गई थी। सेवा भारत सत्य, अहिंसा, सर्वधर्म ( सभी धर्मों को एकीकृत करना ) और खादी ( स्थानीय रोजगार और आत्मनिर्भरता का प्रचार ) के गांधीयन सिद्धांतो के साथ लगभग 5 दशकों से सुधान करने के लिए कार्य कर रहा है। यह संस्था महिलाओं के समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाकर उन्हे सशक्त और मजबूत बनाने के लिए कार्य कर रही है। इन तीन प्रमुख संस्थाओं के द्वारा सहकारिता के उत्थान एवं विकास हेतु महिलाओं के लिए दो दिन का शिविर आयोजन करना निश्चित तौर पर गर्व की बात है। जिससे न केवल देश के महिलाओं को सहकारिता के विषय में प्रशिक्षण मिलेगा वरन् अलग-अलग प्रदेशों से आये हुए प्रतिनिधि मंडल से मिलने पर वहां के कला, संस्कृति, रीति रिवाज एवं परंपराओं को भी जानने एवं समझने का अवसर मिलेगा। बस्तर की महिलाएं इस प्रशिक्षण शिविर में जाने के लिए उत्साहित है क्योंकि वे पूरे बस्तर अंचल का प्रतिनिधित्व करेंगी। ये महिलाएं सहकारिता के क्षेत्र में लम्बे समय से कार्य कर रही है।