कांकेर/बस्तर मित्र
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई 5 दिन के गोवा एवं महाराष्ट्र राज्य के प्रवास पर रहेंगे। दोनों राज्यों के प्रवास के दौरान श्री पोटाई वहां के आदिवासियों क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे साथ ही वहां आदिवासियों के हित में बने योजनाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। राज्य अ.ज.जा. आयोग के सदस्य नितिन पोटाई के निज सहायक संजय यादव ने बताया कि श्री पोटाई दिनांक 3 फरवरी को वे दोपहर 2.30 बजे विमान से गोवा पहुचेंगे, 5 बजे शासकीय विश्राम गृह पणजी गोवा में आदिवासी समाज प्रमुखों से भेंट एवं मुलाकात करेंगे। 4 एवं 5 तारीख को आसपास के आदिवासी गांवों का भ्रमण करेंगे एवं वहां के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों का अध्ययन करेंगे। दिनांक 6 फरवरी को पोटाई जी की फ्लाईट शाम 6.30 बजे मुम्बई पहुचेगी। दिनांक 7 फरवरी को आदिवासी समाज प्रमुखों से भेंट मुलाकात करेंगे। दिनांक 8 फरवरी को दोपहर 3 बजे इंडिगो विमान से रायपुर रवाना होगें। राज्य अ.ज.जा. आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने यात्रा के विषय में बताया कि गोवा में गौड़ा और कुनबी जनजाति निवास करती है ये कोकण मूल के नाम से जाने जाते है उन्हें वेलिप समुदाय के साथ भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। मूल गौड़ (गोंड) समुदाय को अब गवाड़ा (गावड़ा) समुदाय के रूप में जाना जाता है। वे उनसे मिलेंगे तथा उनकी संस्कृति से अवगत होंगे तथा गोवा सरकार द्वारा आदिवासियों के हित में चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी अधिकारियों से भी चर्चा करेंगे।
श्री नितिन पोटाई ने आगे कहा कि गोवा में काफी संख्या में आदिवासी वर्ग के लोग निवासरत है । वहां की रीति रिवाज एवं परंपरा भी देश के अन्य राज्यों में पाये जाने वाले आदिवासियों के समान है। अतः वहां के आदिवासी आर्थिक रूप से कैसे सक्षम हो रहे है, इस पर भी यात्रा का फोकस रहेगा। गोवा शासन द्वारा आदिवासी वर्ग को 12 प्रतिशत आरक्षण किया गया है। उनका दौरा इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखता है कि वे आदिवासियों की आर्थिक स्थितियों का अध्ययन के साथ-साथ, कुनबी जनजाति द्वारा बनाये जाने वाले कुनबी साड़ी गोवा का पारंपरिक परिधान है कुनबी नृत्य जो राज्य की आदिवासी संस्कृति को दर्शाते है के कलाकारों एवं कारगीरों से मिलेंगे यह प्राचीन समय में गोवा के आसपास रहने वाली कुनबी और गावड़ा नामक आदिवासी जनजाति के स्मारकों में है।
श्री पोटाई ने आगे कहा कि 2003 में गोवा के तीन समुदायों गावड़ा, कुनबी वेलिप और धनकर को एस. टी. का दर्जा दिया गया, भारत सरकार और भारत के चुनाव आयोग को 2001 की जनगणना के आधार पर 2007 में आरक्षण लागू करना चाहिए था लेकिन इसका लाभ उनको नहीं मिल रहा है। वे उनके प्रमुखों से मिलेंगे तथा सामाजिक विषयों पर उनसे चर्चा करेंगे। वानरमारे नामक जनजाति के प्रतिनिधि मंडल से भी श्री पोटाई मुलाकात करेंगे।
आदिवासी मामलों की सुनवाई 9 फरवरी के बाद
अ.ज.जा आयोग के सदस्य नितिन पोटाई के निज सहायक संजय यादव ने बताया कि पोटाई जी के 5 दिवसीय मुम्बई और गोवा प्रवास में रहने के कारण विभिन्न मामलों में आदिवासियों से सम्बंधित सुनवाई 9 फरवरी के बाद होगा। आदिवासी वर्ग से संबंधित शिकायत पत्र आवेदक रायपुर स्थित कार्यालय अथवा कांकेर स्थित कार्यालय में जमा कर सकते है।