बस्तर संभाग

पोटाई प्लाजा में हुआ पद्मश्री अजय मंडावी का सम्मान . . .

कांकेर/बस्तर मित्र।

देश के प्रख्यात काष्ठ कला के शिल्पकार अजय कुमार मंडावी को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री 2023 से नामांकित किये जाने पर जिला सहकारी संघ मर्या. कांकेर कार्यालय पोटाई प्लाजा में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में उपस्थित नागरिकों ने अजय मंडावी को पद्मश्री नामांकित किये जाने पुष्प-हार से स्वागत किया वहीं अ.ज.जा आयोग के सदस्य नितिन पोटाई एवं साथियों के द्वारा गजमाला पहनाकर मंडावी जी का सम्मान किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अ.ज.जा आयोग सदस्य नितिन पोटाई ने कहा कि आज यह छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन् मध्य भारत क्षेत्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है कि काष्ठ शिल्प के लोकप्रिय शिल्पकार अजय मंडावी को भारत सरकार द्वारा भारत सरकार के चैथे सबसे बड़े सम्मान पद्मश्री से सम्मानित करने हेतु नामांकित किया गया। मंडावी जी में कला के प्रति रूझान बचपन से ही रही है। वे न केवल काष्ठ शिल्प के बेहतरीन कलाकार है वरन् वे एक अच्छे गायक एवं चित्रकार भी है। काष्ठ शिल्प के माध्यम से उन्होने हजारों लोगों को जीने की राह सिखाई है। पद्मश्री के लिए प्रतिवर्ष देश के लाखों करोड़ों लोग गृह मंत्रालय में नामिनेशन जमा करते है। उन सब के बीच में से अजय मंडावी जी को पद्मश्री मिलना हम सबके लिए गौरव की बात है। इससे यहां के लोग उत्साहित है और इस सम्मान के प्रति लोगों में जागरूकता आई है। श्री पोटाई ने आगे कहा कि इस अंचल में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। आने वाले समय भी यहां के उच्च कोटि को साहित्यकारों, लोक कलाकारों एवं समाजसेवियों को पद्म पुरस्कार से विभूषित करने के लिए नामांकित किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पद्मश्री अजय मंडावी के उद्बोधन की बारी आई तो उन्होंने अनुभव बताते हुए कहा कि वे बचपन से ही छोटे-छोटे खिलौने बनाया करते थे। ग्यारहवीं कक्षा पूरी करने के बाद वे इस दिशा में और तेजी से कार्य कर रहे है। भानुप्रतापपुर कांकेर में पंचायत विभाग के शासकीय नौकरी के दौरान जून 2010 से वे उप जेल कांकेर में समाज से भटके सैकड़ो युवा कैदियों को काष्ठ कला सिखाकर उनके जीवन में  सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य कर रहे है। उनके सिखाये कैैदी आज काष्ठ कला को व्यवसाय का रूप देकर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे है। उन्होने बताया कि वे 2010 से 2023 तक लगभग 400 जेल में बंद कैदियों को काष्ठ कला का प्रशिक्षण दे चुके है जिसमें से लगभग 450 कैदी नक्सली मामले में बंदी बनाये गये थे। जो अब काष्ठ कला के सिद्ध हस्त शिल्पी बनकर जेल से बाहर निकले है। इनसे से मैं निरंतर जुड़ा हुआ हूं। कुछ लोग मेरे घर पर ही रहते है। जहां सीखने के लिए बहुत कुछ हैं यहां इन लोगों को सीखने के लिए कार्यशाला के साथ-साथ तालाब, पोल्ट्री फाॅर्म, खेत और एक मेडिटेशन हाॅल भी बनाये गये है। जहां ये लोग सकारात्मक ऊर्जा लेकर जाते है। उन्होंने बताया कि पद्मश्री मिलना उनके लिए सम्मान की बात है। 2006 में उन्हें वन्दे मातरम के लिए स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है। श्री-श्री रविशंकर महाराज के फोटो को लकड़ी में उकेरने के कारण उनका नाम वर्ष 2007 में लिम्का बुक आॅप वल्र्ड रिकार्ड में नाम शामिल हो चुका है। चित्रकोट बस्तर के दौरे पर आई तात्कालिन राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल को उन्होंने वन्दे मातरम एवं बाईबिल भी भेंट किया था। 2018 में उनका नाम गोल्डन बुक आफ वर्ड रिकार्ड में शामिल हो चुका है जिसमें उन्होंने 22 फीट चैड़ा 44 फीट लम्बे लकड़ी में वन्दे मातरम उकेरा था।

पद्मश्री मंडावी ने आगे कहा कि मैं इस कला को आगे बढ़ाना चाहता हूं जिसे सिखकर लोग आर्थिक उपार्जन कर सके। मैं देश के कई स्थानों में सम्मानित हुआ लेकिन अपने गृह शहर में सम्मानित होना गर्व की बात है।  कार्यक्रम को अधिवक्ता राजेश भदौरिया, अजय शर्मा, समाज सेवी अजय पप्पू मोटवानी, साहित्यकार शिव सिंह भदौरिया, एवं सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। अंत में पद्मश्री अजय मण्डावी को शाल और श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर जिले के प्रख्यात समाजसेवी पूर्व पार्षद अजय पप्पू मोटवानी को भी शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मान सम्मेलन में पूर्व नपा अध्यक्ष पवन कौशिक, उपभोक्ता भण्डार के पूर्व अध्यक्ष कमला गुप्ता, युंका के प्रदेश उपाध्यक्ष चाकेश्वर गढ़पाले, हेसिया राम नागवंशी, सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव, शिव सिंह भदौरिया, ओ.पी. भट्ट, नरेन्द्र वर्मा, संजय भंसानी, शिवभान सिंह ठाकुर, राजकुमार चोपड़ा, योगेश्वर ठाकुर, अजय शर्मा, राजेश भदौरिया, ओमप्रकाश सेन, बीरबल गढ़पाले, सुशील पोटाई, दीपिका श्रीवास्तव, सुनीता रावटे, जिज्ञासा साहू, मनीष केशवानी, लक्ष्मणपुरी गोस्वामी, संतु रजक, लखन सलाम, जागेश्वर सिन्हा, प्रियंक पटेल, आशीष पटेल, सुषमा जे. नेताम, दिव्या पोटाई, मुकेश मरकाम, किरण कोमरा, जितेन्द्र कुमार नेताम, पामेश्वरी साहू, पंचराम नेताम, अजीत दनात, सहित सैकड़ों व्यक्ति उपस्थित थे।




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Mannu Ram Kawde

पत्रकारिता के लिए समर्पित . .



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