कांकेर/बस्तर मित्र।
तेन्दूपत्ता के संग्रहण में फड़मुशी रीड़ की हड्डी के समान होते है। फड़मुशी ना केवल तेन्दूपत्ता के संग्रहण के कार्य करते है वरन् वे संग्राहक परिवारों के सदस्यों के लिए छात्रवृति बीमा बोनस जैसे प्रकरणों को भी पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ करते है। साथ ही संग्राहक परिवार के सर्वे का भी कार्य करते है। उक्त उदगार राज्य अजजा आयोग के सदस्य एवं जिला वनोपज संघ के अध्यक्ष नितिन पोटाई के है। वे वन विश्राम गृह नरहरपुर में शाखकर्तन कार्यशाला के अवसर पर सभा को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होने आगे कहा कि यदि शाखकर्तन अच्छे ढंग से किया जाये तो उच्च क्वालिटी का तेन्दूपत्ता प्राप्त होता है जो अधिक दाम में बिकता है तथा इससे संग्राहकों को बोनस भी ज्यादा मिलता है इसलिए शाखकर्तन के कार्य को प्रमुखता के साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार निरंतर लघु वनोपज संग्राहक परिवारों के हित में कार्य कर रही है। उन्होंने ना केवल 4000 रू. मानक बोरा की दर से तेन्दूपत्ता की खरीदी करने का निर्णय लेकर तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों का मान बढ़ाया है बल्कि 65 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य मे करने से आदिवासियों एवं लघु वनोपज संग्राहक परिवार आर्थिक रूप से भी मजबूत किया। शहीद महेन्द्र कर्मा बीमा सुरक्षा योजना के माध्यम से जहां संग्राहक परिवार के मुखिया के आकास्किम निधन पर दो लाख रू. की राशि प्रदान की जा रही है। वहीं मेधावी छात्रवृति योजना एवं प्रतिभाशाली छात्रवृति योजना के माध्यम से छात्रवृति भी प्रदान की जा रही है। जिससे संग्राहक परिवार के लोग उच्च शिक्षा प्राप्त कर पा रहे है। अ.ज.जा सदस्य नितिन पोटाई ने आगे कहा कि वे लघु वनोपज संग्राहक परिवारों, फड़मुशियों एवं प्रबंधक गणों के हित में निरंतर संघर्ष कर रहे है। उनके समस्याओं को उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंचाने का कार्य किया है। बहुत जल्द वे लघु वनोपज सहकारी समितियों के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री से मिलेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रोहिदास शोरी ने फड़मुशियों को उचित मानदेय दिये जाने एवं उनके समस्याओं के निराकरण की बात कही।
शाखकर्तन के डेमों का प्रदर्शन -
सभा के पश्चात् शाखकर्तन के डेमो का प्रदर्शन हुआ। तेन्दूपत्ता के शाख का पूजा-अर्चना कर अ.ज.जा. सदस्य नितिन पोटाई ने शाखकर्तन के डेमों का प्रदर्शन किया तथा उपस्थित जन समूदाय को कहा कि शाखकर्तन इस तरह से हो कि वह एक ही बार में कट जाये। शाखकर्तन के वक्त ध्यान रखें कि तेन्दूपत्ते का ठूंट कटा या फटा ना रह जाये जितना अच्छा शाखकर्तन होगा उतने अच्छे पत्ते निकलेंगे।
वनों को बचाने एवं पर्यावरण संरक्षण की जवाबदारी हम सबकी
प्रकृति ने बस्तर को बहुत ही सुन्दर ढंग से संजोया है अतः यहां के वनो को बचाने एवं उनके संरक्षण की जवाबदारी हम सब की है। हम ना केवल पर्यावरण का संरक्षण करें बल्कि यहां उत्पादित होने वाले वनोपज को भी बचाने का कार्य करें। हम सब ध्यान रखे कि कहीं भी आग लगे तो उसे तत्काल बुझावें।
कार्यक्रम को नगर पंचायत के अध्यक्ष प्यारी सलाम, जिला वनोपज संघ के उपाध्यक्ष नन्दलाल मंडावी, एवं कौशिल्या शोरी ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन यशवंत जैन ने किया। इस अवसर पर जिला सहकारी संघ के संचालक जबल सिंह कुंजाम, जनपद सदस्य संत मरकाम, नगर पंचायत उपाध्यक्ष दिनेश पटेल, चालान सिंह कुंजाम, मनीराम सिन्हा, टाकेश सिन्हा, प्रबंधक रतीराम कोमरा, रामसिंह मंडावी, पिलूराम पटेल, रामप्रसाद शोरी, मनकु राम शोरी, रहेश नेताम, हरिशचन्द्र नेताम, धरमपाल सहित संग्राहक फडमुशी एवं नोडल अधिकारी उपस्थित थे।