बस्तर मित्र कांकेर
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य और जिला वनोपज संघ कांकेर के अध्यक्ष नितिन पोटाई ने कोरर में आयोजित शाखकर्तन पर शाखकर्तन कार्यशाला के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि तेन्दुपत्ता के उत्पादन में फड़मुंशियों का अहम योगदान होता है। इसलिए फड़मुंशी ईमानदारी और कर्त्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करें। कोई भी क्षेत्र शाखकर्तन से न छूट जाये इस बात का विशेष ख्याल रखें। श्री नितिन पोटाई ने आगे कहा कि किसी भी फसल की तैयारी के लिए, किसी फसल की उत्पादन के लिए पहले से तैयारी की जाती है। शाखकर्तन इसी का एक हिस्सा है जिसके माध्यम से हम उत्पादित होने वाले तेन्दुपत्ता के पूर्व की तैयारी करते है। उन्होंने यह भी कहा कि आज प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार तेन्दुपत्ता की कीमत को 4000 रू. मानक बोरा कर दिया है। जिससे संग्राहक परिवारों में खुशी का वातावरण है। वहीं 65 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी करने का भी निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। मोटे अनाजों को प्रोसेसिंग करके मिलेट यूनिट डाला गया है जिसके माध्यम से हमारे मिलेट उपज के उत्पादककर्ता है उनको उनकी उपज का उचित मूल्य भी मिल रहा है।
श्री पोटाई ने आगे कहा कि शाखकर्तन को लोग गंभीरता से नही लेते है इसलिए धीरे-धीरे तेन्दुपत्ता के उत्पादन मे कमी हो रही है। लेकिन हमे इस दीर्घकालीन लाभ को देखना है तेन्दुपत्ता के लिए हम अनिवार्य रूप से 500 तेन्दुपत्ता की गड्डी अवश्य तोड़ें ताकि इससे मिलने वाले लाभ मिल सके। आज तेन्दुपत्ता तोड़ने वाले संग्राहक परिवारों के बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ मिल रहा है वही अनेक प्रकार की योजनाओं से भी वे लाभान्वीत हो रहे है। इसलिए वनांचल में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को तेन्दुपत्ता के संग्रहण का काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आज जिस तरह से वनों की कटाई हो रही है उससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में खाम्याजा हमें ही भुगतना पड़ेगा। इसलिए आप सभी पर्यावरण नुकसान को ध्यान में रखकर सजग रहे। इन पंक्तियों के साथ अपनी बातों का समापन किया कि आज अगर छोटे पौधे कल वृक्ष बन जायेंगे, ठंडी ठंडी छांयां देंगे, मीठे मीठे फल देंगे।
सभा को युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष सोयेब अहमद, जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव अकरम कुरैशी, ग्राम पंचायत कोरर के सरपंच सौरभ ठाकुर, और जनपद के उपाध्यक्ष मुन्नाराम तेता ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर नगरपालिका परिषद कांकेर के पूर्व उपाध्यक्ष एच.आर. नागवंशी, जिला वनोपज सहकारी संघ के संचालक हिरेसिंह हिड़को, जिला प्रतिनिधि गणेश दुग्गा, कोरर के वनोपज क्षेत्र अधिकारी रहमान खान, प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के प्रबंधक संतोष बघेल, समारू तेता, आदि उपस्थित थे।