कांकेर/बस्तर मित्र।
चारामा विकासखण्ड के ग्राम किशनपुरी निवासी शीतल कुमार साहू अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार की तलाश कर रहा था। रोजगार की तलाश में जब उन्हे कोई रास्ता नजर नहीं आया, तब अपने भाई और गांव के लोगों से मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना की जानकारी मिली। उन्होंने लाइवलीहुड कॉलेज कांकेर में असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन कोर्स के लिए आवेदन किया। आवेदन करने के एक सप्ताह के भीतर ही शीतल को कौशल विकास विभाग से फोन आया और उसे निःशुल्क प्रशिक्षण की जानकारी उपलब्ध कराई गई।
शीतल ने बताया कि मैं 12वीं उत्तीर्ण हूॅ, मेरे घर पर केवल मेरे पिता मोहन साहू ही कमाऊ सदस्य है, जो कि कृषक है और उनकी आमदनी पर मॉ, एक भाई और एक बहन तथा स्वयं आश्रित है। लाईवलीहुड कॉलेज कांकेर से प्रवेश के लिए फोन आया तब उन्होंने अपना सामान पकड़ कर घरवालों और गांव वालो से विदा लेते हुए कांकेऱ के आजीविका महाविद्यालय में अपना दाखिला कराने पहुंचा, जहॉ उसे नए-नए मित्र मिले और अपने रूचि के अनुसार बेहतर विशेषज्ञ भी मिले। वे कॉलेज में रोज नई-नई तकनीको का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कॉलेज में उसे निःशुल्क भोजन और रहने की व्यवस्था मिली जिससे वे अपने कार्य में रूचि लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि कॉलेज आकर मेरे आत्मविश्वास में बेहद इजाफा हुआ और प्रशिक्षण के दौरान मुझे आधुनिक तकनीकों को चलाने का हुनर भी सिखने मिला। काम सीखने के साथ ही मुझे अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिला, जिससे मैं अब शहरी जीवन शैली और बातचीत के नए तौर तरीकों के बारे में मुझे सीखने के साथ ही रहन-सहन एवं बोलचाल की शैली में भी सुधार आया है। प्रशिक्षण के बाद मुझे प्रमाण पत्र मिला और आजीविका कॉलेज के प्रयास से मुझे अरिहंत इलेक्ट्रॉनिक्स कांकेर में 06 हजार रुपये की रोजगार मिली। अपने कमाए हुए पैसे का कुछ हिस्सा अपने परिवार के लिए खर्च करता हूॅ तथा अपने पिता के जिम्मेदारियों में हाथ बटाता हूॅ। इस प्रशिक्षण से मेरे जीवन में एक नया बदलाव आया, जिससे मैं बेहद खुश एवं आत्मनिर्भर बन गया हूॅ।