बस्तर संभाग

अजोला उत्पादन तकनीक को बढ़ावा देने अजोला बेड का किया वितरण . . .

कांकेर

भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहरादून के द्वारा संचालित परियोजना पारितंत्र की सेवाओं में सुधार परियोजना के अंतर्गत नरहरपुर ब्लॉक के 15 गांव में अजोला तकनीक को बढ़ावा देने हेतु 1176 किसानों को अजोला ग्रोइंग बेड का वितरण कार्यक्रम पिछले 10 दिनों से प्रारंभ किया गया था जो की बुधवार दिनांक 12 अप्रैल को संपन्न किया गया। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहरादून छत्तीसगढ़ राज्य में 5 वन परिक्षेत्र में परियोजना का संचालन कर रही है जिसके अंतर्गत क्षेत्र विस्तार हेतु नरहरपुर विकासखंड को नवीन रूप से चयनित करते हुए 15 ग्रामों में पशुपालन , बकरी पालन और मुर्गीपालन को बढ़ावा देने हेतु वर्षभर हरा चारा उपलब्धता हेतु के अजोला बेड का वितरण कर स्थापना का कार्य जोरों शोरों से शुरुवात किया गया है। अजोला बेड का स्थापना करके अजोला बीज वितरण किया जाएगा।

परियोजना के राज्य समन्वय सलाहकार देवेन्द्र कुर्रे ने बताया कि अजोला एक जलीय फर्न है जो की पानी में रहता है, यह धान के खेत में वायुमंडलीय नाइट्रोजन का फिक्सेशन कर धान के पौधे को नाइट्रोजन प्रदान करती है जिससे यूरिया जैसे रसायनिक खाद का उपयोग को कम किया जा सकता है, यह एक पौष्टिक हरा चारा भी है जिसे दुधारू पशु को खिलाने से दूध की मात्रा में वृद्धि होती है साथ ही इसे मुर्गी को चारा के रूप दिया जाता है।नरहरपुर विकासखंड में भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहरादून की परियोजना आने पर ग्रामीण जनों में काफी उत्साह नजर आ रहा है। पारितंत्र सेवाएं सुधार परियोजना भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहरादून के द्वारा संचालित महत्वकांक्षी परियोजना है जिसका मुख्य उद्देश्य वन के आसपास रहने वाले समुदायों के लिए वन की गुणवत्ता में सुधार करना भूमि प्रबंधन और गैर काष्ठ वन उत्पाद लाभ में सुधार करना है।

इस परियोजना के अंतर्गत सतत भूमि एवं पारितंत्र प्रबंधन स्लैम की सर्वोत्तम प्रणालियों का विस्तार करते हुए भूक्षरण और मरुस्थलीकरण को कम करने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें राज्य में मुख्य रूप से वर्षा जल संचयन से जल संसाधनों का संवर्धन जैव विविधता संरक्षण और जीविकोपार्जन हेतु लाख की खेती, वाड़ी विकास ,श्री विधि द्वारा धान की सघनीकरण प्रणाली, सतत भूमि उत्पादकता हेतु एकीकृत कृषि विकास अंतर्गत केंचुआ खाद उत्पादन और उन्नत बीज का वितरण, जलवायु रोधी मछली पालन, पारी पुनरुद्धार और संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण करने हेतु स्व सहायता समूह का संवर्धन और पारितंत्र सेवाएं सुधार हेतु उन्नत चूल्हा का वितरण जैसे गतिविधि कर पारितंत्र की सेवाओं में सुधार की मुहिम जारी है।




About author

Mannu Ram Kawde

पत्रकारिता के लिए समर्पित . .



0 Comments


Leave a Reply

Scroll to Top