कांकेर
पंचायत सचिवों कीे एक सूत्रीय मांग कि परीक्षा अवधि पश्चात पंचायत सचिवों को शासकीयकरण किये जाये के मांग को लेकर कलेक्ट्रेट मार्ग में धरना स्थल पर बैठे हड़तालियों के मध्य अजजा आयोग के सदस्य नितिन पोटाई पहुंचे तथा उनके मांगों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। पंचायत सचिवों की ओर से अरूण नायक ने बताया कि छ.ग शासन द्वारा 2023-24 के बजट में पंचायत सचिवों को शासकीयकरण किये जाने का आश्वसन पंचायत मंत्री द्वारा दिया गया था लेकिन इस संबंध कोई सार्थक पहल नहीं होने से छ.ग. के समस्त पंचायत सचिवों में रोष व्याप्त है तथा वे 16 मार्च 2023 से कमल बंद हड़ताल में बैठे है।
इस अवसर पर अजजा आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने उपस्थित सचिवों को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायत सचिवों से उनका संबंध बहुत पुराना है पंचायत परिवार को वे अपने परिवार की तरह मानते है । मेरे राजनीतिक जीवन की शुरूआत भी जनपद पंचायत कांकेर से शुरू हुई थी और मैंने आप लोगों के साथ 10 वर्ष कार्य किया है इसलिये मेरा आपसे आत्मीय लगाव है। इसलिए आपके हर समस्या एवं तकलीफ को मैं करीब से जानता हूं पर मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके समस्यों के लिए अपनी ओर से भरपूर प्रयास करूंगा।
उन्होंने आगे कहा प्रदेश की भूपेश सरकार निरंतर छ.ग. के हित में फैसले ले रही है और हमारी सरकार छत्तीसगढ़ के सभी वर्ग के हितों को लेकर लोगों को लेकर चिंतित है सरकार ने हाल में ही बजट में जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटवार, पटेल, नगरसेना के जवानों का मानदेय बढ़ाने का काम किया है वही प्राथमिक वनोपज संघ के प्रबंधकों को भी तृतीय श्रेणी कर्मचारी का दर्जा देने हेतु संविदा के मान से तय करने हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा किया है। श्री पोटाई ने कहा कि आपके मांगों को लेकर भी सरकार गंभीर है और आने वाले समय में इसके अच्छे परिणाम सामने आयेगें ऐसा मेरा विश्वास है। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रविन्द्र चौबे को पत्र लिखेगें तथा व्यक्तिगत तौर पर मिलकर मांग करने हेतु सार्थक पहल करेगे।
इस अवसर पर चिंताराम यादव, राजकुमार सलाम, अरूण नायक, कनेसिंग कोमरा, नवलु मंडावी, अमला गोटा, प्रतिभा तेता सहित पंचायत के सचिवगण उपस्थित थे।